पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12वीं की परीक्षा के पेपर लीक मामले में आज पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें राजधानी भोपाल के एक परीक्षा केन्द्र का केन्द्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष व दो पर्यवेक्षक शामिल है. इन चारों पर पेपर लीक करने के आरोप है. वहीं बीकॉम के एक स्टूडेंट को सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में हिरासत में लिया गया है.
बताया गया है कि एमपी बोर्ड के 12वीं के केमिस्ट्री व बिजनेस एनालिसिस के पेपर लीक करने के आरोप में भानपुर स्थित विद्यासागर स्कूल केंद्र के 4 शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें केन्द्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना, सहायक केंद्राध्यक्ष रेखा गोयल, पर्यवेक्षक पवनसिंह व विश्वनाथ सिंह शामिल हैं. पवन व विश्वनाथ ने पुलिस को पूछताछ में जानकारी दी कि वे कोचिंग सेंटर का संचालन करते है, यहां पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अच्छे नम्बर से पास कराने के लिए परीक्षा के आधा घंटा पहले पेपर वाट्सएप ग्रुप पर भेज देते थे. प्रश्र देखकर छात्र उत्तर रट लें और अच्छे नम्बर से पास हो जाए. जिससे उनकी कोचिंग का नाम हो.
पूरे एमपी में लीक हुए है पेपर-
पुलिस अधिकारियों को यह भी अंदेशा है कि जब आरोपियों द्वारा स्टूडेंट्स के वाट्सएप ग्रुप में पेपर डालते हैं तो स्टूडेंट्स उन्हे अन्य ग्रुपों में भी भेजते होगेें. उक्त पेपर पूरे प्रदेश में लीक हुए होगें. इस दिशा में भी पुलिस अधिकारियों ने अपनी जांच शुरु कर दी है. वहीं आरोपियों ने पूछताछ में यह जानकारी भी दी है कि वे 3 मार्च से पेपर भेज रहे है. शुक्रवार को भी दोनों ने केमिस्ट्री व बिजनेस एनालिसिस का पेपर लीक किया था.
बीकाम का छात्र सोशल मीडिया पर पेपर बेच रहा था-
पुलिस अधिकारियों ने आज रायसेन के मंडीदीप से एक आरोपी कौशिक पिता श्याम कुमार दुबे को गिरफ्तार किया है. जिसके टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार स्टूडेंट्स मिले है. हालांकि शुरुआती पूछताछ में यह पता चला है कि उसने अभी तक 600 स्टूडेंट्स से करीब साढ़े तीन लाख रुपए पेपर देने के नाम पर लिए है. कौशिक टेलीग्राम गु्रप में बोर्ड परीक्षा का एक लिंक जनरेट कर 600 से 1000 रुपए स्टूडेंट से लेता था. आरोपी के कब्जे से एक बैंक पासबुक, मोबाइल फोन, दो सिमकार्ड मिले है.
10 से 12 टेलीग्राम गु्रपों में भेजे जा रहे थे पेपर-
पुलिस ने मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया है, वहीं दो अन्य आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही है. पुलिस को अभी तक 10 से 12 टेलीग्राम गु्रपों की जानकारी मिली है, जिसके जरिए पेपर बेचे गए है. आरोपियों द्वारा करीब दो साल से यह ठगी का कारोबार किया जा रहा है. पुलिस अब आरोपी से अन्य परीक्षाओं के संबंध में भी पूछताछ कर रही है.
टेलीग्राम में माशिम का मोना लगाकर बनाया था ग्रुप-
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम में माध्यमिक शिक्षा मंडल के मोनो का उपयोग कर फर्जी ग्रुप बनाया. फिर 10वीं-12वीं के प्रश्नपत्र देने के नाम पर रुपए वसूलता रहा. जब रुपए मिल जाते तो पेपर उपलब्ध कराता. आरोपी ने पुलिस अधिकारियों को पूछताछ में यह भी बताया कि वह पेपर टेलीग्राम ग्रुप एमपी बोर्ड हैल्प से प्राप्त करता था.
10वीं का विज्ञान का पेपर सामने आया-
आज शनिवार को दोपहर एक बजे के लगभग दसवीं का विज्ञान का पेपर सोशल मीडिया पर आया. 20 मार्च को 10वीं का विज्ञान का पेपर होना है. सोशल मीडिया पर जीत क्लासेस इंडिया के यूट्यूब चैनल पर एक पेपर अपलोड किया गया है. यहां तक कि दावा किया गया है कि 100 प्रतिशत गारंटी है, यही पेपर परीक्षा में आएगा. यू-ट्यूब में पेपर हल करके भी दिखाया गया है, जिसमें फिल इन द ब्लैंक्स, ऑब्जेक्टिव्स व सारे सवालों के जवाब भी बताए है. इसके अलावा लिंक टेलीग्राम के ग्रुप जीत क्लासेस पर भी डाली गई है. चैनल पर करीब 33 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं.
क्या फिर से होगे पेपर-
इस खुलासे के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल फिर से पेपर कराएगा. यदि पेपर नहीं हुए तो लीक हुए पेपर पढ़कर एग्जाम देने वाले स्टूडेंट सिर्फ पास होगें, बल्कि टापर्स भी बन जाएगें. कहीं न कहीं इससे पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को बड़ा नुकसान होगा.
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