रामगढ. झारखंड के रामगढ़ व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश एडीजे प्रथम शेषनाथ सिंह के न्यायालय ने बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में तिहरे हत्याकांड में आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को फांसी की सजा सुनाई है. मामले की पैरवी लोक अभियोजक आरबी राय कर रहे थे. 17अगस्त 2019 को हुए इस तिहरे हत्याकांड में आरपीएफ जवान पवन सिंह ने एक ही परिवार रेल कर्मी अशोक राम, उनकी पत्नी लीला देवी, और बेटी मीना देवी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
एक साथ पूरे परिवार को किया था गोलियों से छलनी
इस घटना में अशोक राम की बेटी सुमन देवी और बेटा संजय राम गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में 16 गवाहों को अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किया गया था. रामगढ में न्यायालय के गठन के बाद हत्या के मामले में यह फांसी देने का पहला मामला है. लोक अभियोजक आरबी राय ने बताया कि भादवि की धारा &07 में 10 वर्ष की सजा और 10 हज़ार जुर्माना, 27 आर्म्स एक्ट में 7 वर्ष की सजा और 10 जुर्माना और जुर्माना नही देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा दी गई है.
नशे में धुत होकर घटना को दिया था अंजाम
आरपीएफ के जवान पवन कुमार सिंह ने नशे में धुत होकर इस घटना को 17 अगस्त 2019 को रात्रि 8 बजे अंजाम दिया था. उसने अपनी पिस्टल से रेलकर्मी अशोक राम के घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी. इस गोलीबारी में तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद पवन कुमार सिंह मौके से फरार हो गया था. उसे पुलिस ने 21 मार्च 2020 को भोजपुर के तरारी थाना क्षेत्र के करथ गांव से गिरफ्तार किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड में आंधी-बारिश का कहर: विद्युत लाइन गिरने से 2 लोगों की मौत, कई घायल
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