शुगर पेशेंट के लिए फायदेमंद छत्तीसगढ़ के नगरी दुबराज चावल को मिला जीआई टैग

शुगर पेशेंट के लिए फायदेमंद छत्तीसगढ़ के नगरी दुबराज चावल को मिला जीआई टैग

प्रेषित समय :14:35:42 PM / Mon, Apr 3rd, 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध नगरी दुबराज चावल को जीआई टैग मिला है. बताया जा रहा है कि ज्योग्राफिकल इंडिकेशन यानी जीआई टैग के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत कोशिश की है, यह दुबराज राज्य की दूसरी फसल है जिसको जीआई टैग मिला है. वर्ष 2019 से अभी तक केवल सरगुजा जिले के जीराफूल चावल के पास जीआई टैग था. वहीं इस चावल की किस्म को शुगर पेशेंट के लिए भी फायदेमंद बताया जा रहा है.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयंत्र प्रजनन और आनुवंशिकी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ दीपक शर्मा ने बताया कि दुबराज छत्तीसगढ़ का सुगंधित चावल है. इसके दाने छोटे होते हैं. यह खाने में नर्म और मुलायम होता है. यह देसी किस्म का चावल है जिसकी ऊंचाई छह फीट तक चली जाती है. इसके कारण उत्पादन कम होता था. इसमें सुधार कर ऊंचाई कम की गई है और पहले इसके पकने की अवधि 150 दिन थी, जो अब 125 दिन पर आ गई है. नगरी दुबराज का उत्पत्ति स्थल सिहावा के नगरी क्षेत्र को माना जाता है.

डॉ दीपक शर्मा ने बताया कि नगरी दुबराज चावल धमतरी जिले के नगरी इलाके की पहचान है. यह छत्तीसगढ़ की बासमती है. यह उच्च गुणवत्ता युक्त चावल है. इसका दाना मध्य पतला और सुंगधित होता है. चावल नर्म होने की वजह से पाचन क्रिया में आसानी होती है. फसल ऊंचा होने और पकने की अवधि अधिक होने की वजह से इसका उत्पादन क्षमता कम है.

जीआई टैग मिलने से उत्पादन क्षमता कम होने पर भी किसानों को बहुत लाभ होगा. बीपी, शुगर के मरीज के लिए यह चावल कितना फायदा रहेगा इसके लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स अवलोकन किया जा रहा है. 55 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में शुगर के मरीज भी इस चावल को ले सकते हैं. जीआई टैग के लिए उत्पत्ति स्थान का प्रमाण देने में चार वषज़् लग गए. इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और मां दुर्गा स्व सहायता समूह धमतरी ने काफी प्रयास किया है. नगरी के दुबराज चावल को जीआई टैग मिलने से इसकी मांग देश के साथ-साथ विदेशों में भी बढ़ जाएगी. इससे धमतरी जिले के नगरी अंचल के किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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