नई दिल्ली. सिक्किम नाथुला दर्रे के पास हुए हिमस्खलन की चपेट में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि मंगलवार की रात को रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया. वहीं आज सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू किया गया है. हिमस्खलन के चपेट में आने से अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि अभी भी कई लोग बर्फ में फंसे हो सकते हैं. पर्यटकों की दुखद मौत पर दुख व्यक्त करते हुए, एस जयशंकर ने सिक्किम में भयावह हिमस्खलन की खबर को व्यथित करने वाला बताया और उन्होंने अन्य घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, “सिक्किम में भयावह हिमस्खलन के कारण लोगों की मौत और घायल होने की खबर बेहद दुखद है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.” मृतक पीड़ितों में से, उनमें से तीन की पहचान नेपाल के नागरिकों के रूप में की गई है, और उनमें से दो अन्य उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के थे. बचाव अभियान में जुटी सेना के लिए मौसम चुनौती बना हुआ है. इसके चलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया.
बुधवार सुबह पाकयोंग स्टेशन से एनडीआरएफ की टीम द्वारा एक और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा. कई राजनेताओं और मंत्रियों ने ट्विटर पर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दुख व्यक्त किया है. इससे पहले मंगलवार को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुखद आपदा पर दुख व्यक्त किया और जान गंवाने वालों और घायल हुए लोगों के लिए प्रार्थना की. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सिक्किम में स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और आश्वासन दिया कि एनडीआरएफ की टीम जल्द ही प्रभावित क्षेत्र में पहुंचेगी.
सेना ने कहा कि सिक्किम में गंगटोक-नाथू ला रोड पर मंगलवार दोपहर हुए हिमस्खलन के कारण कम से कम सात पर्यटकों की मौत हो गई और अभी भी कई लोगों के बर्फ में फंसे होने की आशंका है. भारतीय सेना ने अब तक करीब 14 लोगों को मौके से बचा लिया है और बाकी 20-30 पर्यटकों के अभी भी पांच-छह वाहनों के साथ बर्फ में फंसे होने की आशंका है. बचाए गए लोगों को तुरंत नजदीकी सैन्य चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया, जहां सात लोगों ने दम तोड़ दिया और बाकी सात को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. अधिकारियों ने कहा कि जान गंवाने वाले लोगों की पहचान शिवा पीएसडी लामिचानी, आशिका ढकाल, रेब्या सिंह, बाल सिंह, सौरव रॉय चौधरी, प्रीतम मति और मुना शाह श्रेष्ठा के रूप में हुई है. मृतकों में से कुछ लोग उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मूल निवासी थे. जबकि, इनमें से तीन नेपाल के रहने वाले थे, जिनके शव सड़क मार्ग से उनके परिजनों के पास ले जाए जाएंगे.
Source : palpalindia
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