दमोह. मध्य प्रदेश के दमोह जिले के नरसिंहगढ़ में में स्थित माईसेम (डायमंड सीमेंट) के पंचमनगर सिंचाई परियोजना की पाइपलाइन का रास्ता रोकने के कारण पथरिया तहसील के 23 गांवों में भारी निराशा और नाराजगी पैदा हो गई है. सिंचाई परियोजना में पहले 50 गांवों की 18 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होने वाली थी. पाइपलाइन का रास्ता बदलने के कारण अब 23 गांव बाहर होने वाले हैं. हाईकोर्ट और मुख्यमंत्री के दखल के बाद भी अब तक पाइपलाइन के मार्ग में आ रही बाधा का कोई हल नहीं निकल पाया है. अगर जून मध्य तक हल नहीं निकला तो किसान खेतों में फसलों की बुआई कर देंगे और उसके बाद दूसरे काम भी अटक जाएंगे. सीमेंट कंपनी पाइपलाइन के लिए रास्ता नहीं देने पर अड़ी हुई है. पाइपलाइन को घुमाने के विकल्पों पर सिंचाई विभाग चर्चा कर रहा है, लेकिन इससे पूरी परियोजना संकट में पड़ सकती है.
पथरिया-नरसिंहगढ़ के 23 गांवों में नाराजगी
पथरिया-नरसिंहगढ़ इलाके में 23 गांवों में यह मामला नाराजी का कारण बन रहा है. किसानों को लग रहा है कि सिंचाई के अगले सीजन नवंबर में भी कोई हल निकलने वाला नहीं है. जमीनों का अधिग्रहण नहीं होने के कारण भी अंडरग्राउंड पाइपलाइन का कुछ काम अटक गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार डायमंड सीमेंट फैक्ट्री के परिसर में केवल 4.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण मामला अटकने से किसानों को नवंबर सीजन में अगर पानी नहीं मिला तो राज्य के कृषि उत्पादन को भी भारी नुकसान होने वाला है.
प्रभावित होने वाले गांव
बैंसा, नरसिंहगढ़, बंसोली, बिलानी, बोतराई, घोघरी गुलाल, जगथर, झगड़ी, किंडराहो, कनारी, खेजड़ा, लखोरो, नीखजरी, खिरिया शंकर, किंडराहो, लखरोनी, मगर्धा, मेहलवाड़ा, मिर्जापुर, राजवंस, सतपारा, सेमरा लोधी, सोगोनी कला, सूखा, तिला, उमराहो.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-खुशखबर, मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आयी बहार, चार चीतों का जन्म
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