जन्म कुंडली देखकर जानें कैसी मिलेगी पुत्रवधु?

जन्म कुंडली देखकर जानें कैसी मिलेगी पुत्रवधु?

प्रेषित समय :21:18:33 PM / Mon, Apr 17th, 2023

कुंडली का 11वा भाव और 11वे भाव स्वामी घर ही बहू का है तो शुक्र ग्रह बहू का कारक है हर माता पिता यही चाहते है कि उनके घर मे अच्छी बहू आये बेटे को अच्छी पत्नी और माता पिता को अच्छी बहू मिले तो आज इसी बारे में बात करते है कैसी बहू मिलेंगी.कुंडली का 11वा भाव और 11वे भाव स्वामी अगर आपकी कुंडली मे अच्छी स्थिति में है शुभ ग्रहों के साथ संबंध में है या शुभ ग्रहों गुरु शुक्र बुध चन्द्र जैसे ग्रहो के प्रभाव में है तब साथ ही बहू का कारक शुक्र भी शुभ और बलवान है कुंडली मे तब आपको अच्छी बहू की प्राप्ति होगी, और घर मे अच्छी बहू आएगी, इसके विपरीत अगर आपकी कुंडली का 11वा भाव और 11वे भाव स्वामी पाप ग्रहों शनि राहु केतु मंगल से पीड़ित है या सम्बन्ध में है तब घर मे दुष्ट स्वभाव वाली और अच्छी बहु की प्राप्ति नही होगी न अच्छी बहू आएगी.आपकी बहू आपको सुख नही देंगी सास या स्वासुर को बहु से सुख व सहयोग नही मिल पायेगा.इसी स्थिति में 11वे भाव मे सम्बन्धी और 11 वे भाव स्वामी से संबंधित ग्रहों की शान्ति के उपाय करने से बहू का साथ व सहयोग और अच्छा सुख मिलेगा।

अब कुछ उदाहरणों से समझते है अगर आप अपने बेटे की शादी करने जा रहे है तो कैसी बहू मिलेगी आपको या आपके बेटा है तो कैसी बहू आएगी आपके घर में और आपको बहू से सुख, सहयोग कितना मिलेगा ,रोटी पानी बहू से कितना होगा नसीब.

कर्क_लग्न1:-कर्क लग्न में 11वे भाव स्वामी जो बहू के कारक भी है शुक्र है अब यहाँ शुक्र और 11वा भाव कुंडली के शुभ ग्रहों गुरु या चन्द्र बुध से सम्बंध बनाकर बैठा है शुक्र केंद्र त्रिकोण भावों में है और 11वे भाव पर गुरु बुध चन्द्र जैसे शुभ ग्रहों की दृष्टि है या बैठे है 11वे भाव मे यह ग्रह तब अच्छी गुणी बहू, सुख व सहयोग करने वाली, सेवा व देखभाल करने वाली अच्छी बहू आप सास श्वसुर को मिलेगी.अगर 11वे भाव और 11वे भाव स्वामी शुक्र यहाँ शनि राहु केतु मंगल से पीड़ित या सम्बन्ध में है तब बहू दुष्ट स्वभाव की और आपके लिए अच्छी नही होगी।।                            
उदाहरण अनुसार कन्या लग्न2:-कन्या लग्न में 11वे भाव स्वामी चन्द्रमा है अब चन्द्रमा यहाँ गुरु या शुक्र बुध जैसे शुभ ग्रहों से सम्बंध या प्रभाव में है और  11वा भाव भी शुभ ग्रहों के प्रभाव में है तब गुणी, अच्छी और सुख देने वाली, बुढापे में देखभाल करने वाली अच्छी बहू मिलेंगी . बाकी 11वे भाव और चन्द्रमा शनि मंगल राहु केतु के प्रभाव में है या छठे आठवें बारहवें भाव मे जाकर पीड़ित है तब किसी भी तरह बहू अच्छी नही मिलेंगी न बहू का सुख सहयोग मिलेगा यहाँ ऐसी स्थिति में सावधानी से चलना ठीक होगा. 

तुला_लग्न3:- तुला लग्न में 11वे भाव स्वामी सूर्य और बहू का कारक शुक्र शुभ स्थिति में आपकी कुंडली मे ही तब अच्छी बहू आएगी आपके घर मे,साथ ही 11वे भाव और 11वे भाव स्वामी सूर्य शुभ ग्रहों शुक्र गुरु बुध चन्द्रमा से यहाँ दृष्ट या सम्बन्ध में है तब अच्छी बहू भी मिलेगी ,बुढापे में सेवा भी करेंगी और सहयोगी बहू घर मे आएगी, बाकी आपकी कुंडली का ग्यारहवा भाव और ग्यारहवे भाव स्वामी सूर्य साथ ही बहू कारक शुक्र पीड़ित या पाप ग्रहों शनि राहु केतु मंगल के नियंत्रण में है तब बहू आप सास स्वासुर की सेवा नही करेगी, न बहू से सुख मिलेगा, अगर शुभ ग्रहों के प्रभाव भी हुआ 11वे भाव+11वे भाव स्वामी पर तब उपाय से बहू सुख सहयोग में वृद्धि हो जाएगी.इसी तरह दामाद का भी फल होगा.

Astro nirmal
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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