अभिमनोज. जैसे-जैसे चुनावी सर्वे को लेकर मीडिया की विश्वसनीयता कम होती जा रही है, वैसे-वैसे राजनेताओं की उलझने भी बढ़ती जा रही हैं?
हालांकि, खबरों पर भरोसा करें तो मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने स्तर पर सर्वे करवाए हैं, लेकिन.... दिक्कत यह है कि दोनों के सर्वे में वे ही जीत रहे हैं, अलबत्ता कांग्रेस की दमदार वापसी के संकेत हैं, तो बीजेपी के किन्तु-परन्तु के साथ कामयाबी की कहानी कही जा रही है!
खबरों की मानें तो.... शिवराज सरकार की तरफ से कराए गए सर्वे में मध्य प्रदेश पुलिस की इंटेलिजेंस ब्रांच की रिपोर्ट, संघ के सर्वे आदि शामिल हैं, तो कांग्रेस नेता कमलनाथ अपने स्तर पर लगातार सर्वे करवा रहे हैं, ताकि जनता के मुद्दों के साथ-साथ उम्मीदवारों का अपने क्षेत्र में असर जाना जा सके?
यह सच्चाई है कि यदि सही सर्वे हों, तो वे पार्टी की स्थिति सुधारने के लिए बेहद उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन विश्वसनीय सर्वे मिलना बेहद मुश्किल है!
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि सर्वे के नतीजों से आज के हालात तो जाने जा सकते हैं, परन्तु ऐन चुनाव के समय क्या होगा, बताना आसान नहीं है?
सियासी सयानों का मानना है कि.... राजस्थान की तरह ही मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर है, इसलिए चुनावी नतीजों का ऊँट किस करवट बैठेगा, कहना बहुत ही मुश्किल है, मतलब.... सावधानी हटी, सियासी दुर्घटना घटी!
Kamal Nath @OfficeOfKNath
प्रदेश की बीजेपी सरकार ने 18 साल में जनता को 5 B दिये हैं -
बुराई, बेईमानी, बदमाशी, बेरोजगारी और बर्बादी!
जनता इस कुशासन से त्रस्त है, अब कांग्रेस लेकर आएगी खुशहाली, जय मध्य प्रदेश!!
Shivraj Singh Chouhan @ChouhanShivraj
जो मध्यप्रदेश आता है, वो मध्य प्रदेश का ही हो जाता है...
https://twitter.com/i/status/1652925201846525952
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