#Jaipur जयपुर पंचांग- 14 मई 2023, रविवार, हनुमान जन्मोत्सव!

#Jaipur जयपुर पंचांग- 14 मई 2023, रविवार, हनुमान जन्मोत्सव!

प्रेषित समय :21:06:16 PM / Sat, May 13th, 2023

* हनुमान जयंती (तेलुगु), पञ्चक
* जयपुर शुभ मुहूर्त अभिजीत- 11:56 से 12:50
* जयपुर राहुकाल- 17:26 से 19:07
जयपुर चौघड़िया- 14 मई 2023, रविवार

दिन का चौघड़िया
उद्वेग - 05:40 से 07:21
चर - 07:21 से 09:02
लाभ - 09:02 से 10:43
अमृत - 10:43 से 12:23
काल - 12:23 से 14:04
शुभ - 14:04 से 15:45
रोग - 15:45 से 17:26
उद्वेग - 17:26 से 19:07
रात्रि का चौघड़िया
शुभ - 19:07 से 20:26
अमृत - 20:26 से 21:45
चर - 21:45 से 23:04
रोग - 23:04 से 00:23
काल - 00:23 से 01:42
लाभ - 01:42 से 03:01
उद्वेग - 03:01 से 04:20
शुभ - 04:20 से 05:39
हनुमान जन्मोत्सव.... को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो!
* तेलुगु हनुमान जयन्ती- रविवार, 14 मई 2023
* कन्नड़ हनुमान जयन्ती- रविवार, 24 दिसम्बर 2023
* तमिल हनुमान जयन्ती- बृहस्पतिवार, 11 जनवरी 2024
* उत्तर भारत में हनुमान जयन्ती- मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
* हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा से मनाया जाता है.

* धर्मधारणा है कि.... हनुमानजी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर विभिन्न मन्दिरों में प्रातः ब्रह्ममुहूर्त से ही भक्ति कार्यक्रम प्रारंभ हो जाते हैं.
* देश के विभिन्न हिस्सों में हनुमान जन्मोत्सव अलग-अलग समय और भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है.
* प्राप्त जानकारी के अनुसार.... आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना और आसपास के क्षेत्रों में हनुमान जन्मोत्सव 41 दिनों तक मनाया जाता है, जो चैत्र पूर्णिमा से प्रारम्भ होकर वैशाख माह में कृष्ण पक्ष के दसवें दिन तक चलता है.
* उधर, तमिलनाडु में हनुमान जन्मोत्सव को हनुमथ जयन्ती पुकारते हैं, जो मार्गशीर्ष अमावस्या पर मनाया जाता है.
* जबकि, कर्नाटक में मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है, जो हनुमान व्रतम पुकारा जाता है.
* अपनी आस्था के सापेक्ष हनुमान जन्मोत्सव मनाएं, लेकिन हनुमानजी की आराधना नियमित करें, क्योंकि हनुमानजी सबसे जल्दी भक्तों की पुकार सुनते हैं और हर कष्ट से मुक्ति प्रदान करते हैं....
॥ संकट मोचन हनुमान अष्टकम्॥ 
बाल समय रवि भक्षि लियोतब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो.
ताहि सों त्रास भयो जग कोयह संकट काहु सों जात न टारो.
देवन आनि करी बिनतीतब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
बालि की त्रास कपीस बसैगिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो.
चौंकि महा मुनि साप दियोतब चाहिय कौन बिचार बिचारो.
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभुसो तुम दास के सोक निवारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
अंगद के सँग लेन गये सियखोज कपीस यह बैन उचारो.
जीवत ना बचिहौ हम सो जुबिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो.
हेरि थके तट सिंधु सबैतब लाय सिया-सुधि प्रान उबारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
रावन त्रास दई सिय कोसब राक्षसि सों कहि सोक निवारो.
ताहि समय हनुमान महाप्रभुजाय महा रजनीचर मारो.
चाहत सीय असोक सों आगि सुदै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
बान लग्यो उर लछिमन केतब प्रान तजे सुत रावन मारो.
लै गृह बैद्य सुषेन समेत तबैगिरि द्रोन सु बीर उपारो.
आनि सजीवन हाथ दईतब लछिमन के तुम प्रान उबारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
रावन जुद्ध अजान कियोतब नाग कि फाँस सबै सिर डारो.
श्रीरघुनाथ समेत सबै दलमोह भयो यह संकट भारो.
आनि खगेस तबै हनुमान जुबंधन काटि सुत्रास निवारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
बंधु समेत जबै अहिरावनलै रघुनाथ पताल सिधारो.
देबिहिं पूजि भली बिधि सोंबलि देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो.
जाय सहाय भयो तब हीअहिरावन सैन्य समेत सँहारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
काज कियो बड़ देवन के तुमबीर महाप्रभु देखि बिचारो.
कौन सो संकट मोर गरीब कोजो तुमसों नहिं जात है टारो.
बेगि हरो हनुमान महाप्रभुजो कुछ संकट होय हमारो.
को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥
॥दोहा॥
लाल देह लाली लसे,अरू धरि लाल लँगूर.
बज्र देह दानव दलन,जय जय कपि सूर॥
जयपुर पंचांग- 14 मई 2023, रविवार
* शक संवत 1945, विक्रम संवत 2080, मास- पूर्णिमांत ज्येष्ठ, मास- अमांत वैशाख
* तिथि दशमी- 26:48:09 तक, नक्षत्र शतभिषा- 10:16:22 तक, करण वणिज- 15:45:03 तक, विष्टि- 26:48:09 तक, पक्ष कृष्ण, योग एन्द्र- 06:34:18 तक, वैधृति- 27:55:51 तक, वार रविवार
* दिशाशूल- पश्चिम
* ताराबल- अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
* चन्द्र राशि कुम्भ
* उत्तम चन्द्रबल- मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ
* कर्क राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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