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- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
हनुमान जन्मोत्सव....
* तेलुगु हनुमान जयन्ती- रविवार, 14 मई 2023
* कन्नड़ हनुमान जयन्ती- रविवार, 24 दिसम्बर 2023
* तमिल हनुमान जयन्ती- बृहस्पतिवार, 11 जनवरी 2024
* उत्तर भारत में हनुमान जयन्ती- मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
* महावीर हनुमान मन से की गई हर प्रार्थना से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन वर्ष के बारह महीने सुरक्षा और हर मनोकामना पूर्ण करने के लिए बजरंग बली के बारह नामों का विशेष महत्व है. ये नाम हैं...
* 1. हनुमान, 2. अंजनी सुत, 3. वायुपुत्र, 4. महाबल, 5. रामेष्ट, 6. फाल्गुनसखा, 7. पिंगाक्ष, 8. अमित विक्रम, 9. उदधिक्रमण, 10. सीताशोकविनाशन, 11. लक्षमणप्राणदाता, 12. दशग्रीवदर्पहा.
* महावीर हनुमान भक्त कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से पूर्व इन बारह नामों का स्मरण करें, कार्य सफल होंगे.
* सुरक्षा के लिए भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर इसे धारण कर सकते हैं.
* ये बारह नाम... प्रात:काल दीर्घायु प्रदान करते हैं, दोपहर में धन प्रदान करते हैं तो रात्रि में शत्रु नाश करते हैं.
* सर्व मनोकामना पूरी करने के लिए इन बारह नामों का नित्य तीनों समय जाप करना चाहिए.
* श्रीहनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखी, जिसमें 40 छन्द हैं, नियमितरूप से श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें....
।। श्रीहनुमान चालीसा ।।
॥ दोहा ॥
श्री गुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुर सुधारि.
बरनउं रघुबर विमल जसु,जो दायकु फल चारि॥
भावार्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाले हैं.
बुद्धिहीन तनु जानिकै,सुमिरौं पवन-कुमार.
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार॥
भावार्थ- हे पवन कुमार! मैं आपका सुमिरन करता हूँ. आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है. मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए.
॥ चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर.जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
भावार्थ- श्री हनुमान जी! आपकी जय हो. आपका ज्ञान और गुण अथाह है. हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति हैं.
राम दूत अतुलित बल धामा.अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
भावार्थ- हे पवनसुत अञ्जनी नन्दन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है.
महावीर विक्रम बजरंगी.कुमति निवार सुमति के संगी॥
भावार्थ- हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले हैं. आप खराब बुद्धि को दूर करते हैं, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी और सहायक है.
कंचन बरन बिराज सुवेसा.कानन कुण्डल कुंचित केसा॥
भावार्थ- आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं.
हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै.काँधे मूँज जनेऊ साजै॥
भावार्थ- आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा हैं और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है.
शंकर सुवन केसरीनन्दन.तेज प्रताप महा जग वन्दन॥
भावार्थ- हे शंकर के अवतार! हे केसरी नन्दन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है.
विद्यावान गुणी अति चातुर.राम काज करिबे को आतुर॥
भावार्थ- आप प्रकाण्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है.
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया.राम लखन सीता मन बसिया॥
भावार्थ- आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते हैं. श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते हैं.
सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा.विकट रुप धरि लंक जरावा॥
भावार्थ- आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया.
भीम रुप धरि असुर संहारे.रामचन्द्र के काज संवारे॥
भावार्थ- आपने विकराल रुप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया.
लाय सजीवन लखन जियाये.श्रीरघुवीर हरषि उर लाये॥
भावार्थ- आपने सञ्जीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी के प्राण बचाए जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया.
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई.तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
भावार्थ- श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो.
सहस बदन तुम्हरो यश गावैं.अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥
भावार्थ- श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय हैं.
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा.नारद सारद सहित अहीसा॥
भावार्थ- श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुणगान करते हैं.
जम कुबेर दिकपाल जहां ते.कवि कोबिद कहि सके कहां ते॥
भावार्थ- यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पण्डित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते.
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा.राम मिलाय राज पद दीन्हा॥
भावार्थ- आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बनें.
तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना.लंकेश्वर भये सब जग जाना॥
भावार्थ- आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बनें, इसको सब संसार जानता हैं.
॥ दोहा ॥
पवनतनय संकट हरन,मंगल मूरति रुप.
राम लखन सीता सहित,ह्रदय बसहु सुर भूप॥
भावार्थ- हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरुप है. हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए.
श्री त्रिपुरा सुंदरी पंचांग- 14 मई 2023, रविवार
* शक संवत 1945, विक्रम संवत 2080, मास- पूर्णिमांत ज्येष्ठ, मास- अमांत वैशाख
* तिथि दशमी- 26:48:09 तक, नक्षत्र शतभिषा- 10:16:22 तक, करण वणिज- 15:45:03 तक, विष्टि- 26:48:09 तक, पक्ष कृष्ण, योग एन्द्र- 06:34:18 तक, वैधृति- 27:55:51 तक, वार रविवार
* शुभ मुहूर्त अभिजीत- 12:02 से 12:55
* राहुकाल- 17:27 से 19:06
* दिशाशूल- पश्चिम
* ताराबल- अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
* चन्द्र राशि कुम्भ
* उत्तम चन्द्रबल- मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ
* कर्क राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
रविवार का चौघडिय़ा-
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- उद्वेग पहला- शुभ
दूसरा- चर दूसरा- अमृत
तीसरा- लाभ तीसरा- चर
चौथा- अमृत चौथा- रोग
पांचवां- काल पांचवां- काल
छठा- शुभ छठा- लाभ
सातवां- रोग सातवां- उद्वेग
आठवां- उद्वेग आठवां- शुभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज विवाह की बात आगे बढ़ सकती है. अनावश्यक क्रोध से बचें. चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे.
वृष राशि:- आज साथी से वैचारिक मतभेद उत्पन्न होगा. प्रेम में असफलता प्राप्त हो सकती है. अपनी व्यापारिक योजनाअों को गुप्त रखें.
मिथुन राशि:- आज भाग्य का साथ मिलेगा एवं अटके कार्यों में गति आएगी. लाभ में वृद्धि होगी. परिवार में सुख का वातावरण रहेगा.
कर्क राशि:- आज आपसी लड़ाई झगड़ा कोर्ट तक पहुंच सकता है. मित्रों के साथ मनोरंजक यात्रा हो सकती है.
सिंह राशि:- आज दिनचर्या अस्तव्यस्त रहेगी. आलस्य व थकान का अनुभव करेंगे. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं.
कन्या राशि:- आज अपने क्रोध व आवेश पर नियंत्रण रखें. कुछ साहसी फैसलों के कारण सफलता मिल सकती है.
तुला राशि:- आज धन कमाने के उचित अवसर मिलेंगे. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं. निवेश सोच समझकर करें.
वृश्चिक राशि:- आज संयमित खानपान रखें. अधिक जल का सेव करें. कोई धार्मिक अनुष्ठान या पूजा करने की योजना बनेगी.
धनु राशि:- आज थकावट व चिंता रह सकती है. खानपान का शौक सेहत खराब कर सकता है. दैनिक कार्य आसानी से हो जाएंगे.
मकर राशि:- आज बुरी आदतों से दूर रहें. आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी. परिवार के साथ किसी तीर्थस्थल पर जा सकते हैं. मेहमानों का आगमन होगा.
कुम्भ राशि:- आज आय की स्थिति बेहतर बनेगी. वैवाहिक जीवन सुखमय होगा. विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलेगी.
मीन राशि:- आज लंबे समय से रुके कार्य गति पकड़ेंगे. भेंट व मुलाकातों का दौर जारी रहेगा. जीवनसाथी के साथ समस्या साझा कर सकते हैं.
*आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.-
सभी तरह की समस्या का तोड़ है पंचमुखी हनुमान जी की साधना!
शनि की साढ़े साती के दुष्प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति हनुमान गायत्री मंत्र का जाप करें
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