रानी मुखर्जी द्वारा हाल ही में रिलीज उक्त फिल्म वाकई में झकझोर देने वाली है, यह एक ऐसी फिल्म है जो एक मां का अपने बच्चों के लिए एक देश से भिड़ने की सत्य घटना पर आधारित है, यह घटना एक भारतीय मां सागरिका चक्रवर्ती के साथ नार्वे में हुई घटना पर आधारित है, विदेशो में आपको सरकार के कानून के हिसाब से ही कार्य करना पड़ता है, यूरोप अमेरिका में छोटे बच्चों के लिए अलग बिस्तर गाड़ी में अलग सीट होना चाहिए, आप बच्चों के साथ मारपीट नहीं कर सकते, यहां ये सब अपराध की श्रेणी में आता हे तथा वहां तुरंत कार्यवाही होती है.
ऐसी ही घटना सागरिका चक्रबर्ती के साथ होती है जो अपने पति अनुरूप भट्टाचार्य के साथ नॉर्वे में है, उनको दूसरा बच्चा हुआ हैं, जिसके टीकाकरण के लिए वहां के चिकित्सा विभाग के लोग सर्वे करने आते है तथा देखते है कि एक भारतीय मां अपने बच्चे को हाथ से खाना खिला रही है, बच्चों के लिए अलग बिस्तर नही है, इसके लिए वो फोस्टर केयर संस्था में शिकायत करते है जो आकार दोनों बच्चों को चुपके से ले जाते है तथा सरकार द्वारा बच्चों के रखरखाव के लिए बनाई गई संस्था में रखे देते है, इन बच्चों को लेने के लिए एक मां का नार्वे देश की कानून व्यवस्था से लंबी लड़ाई होती है, भारतीय सरकार के हस्तक्षेप से पति के छोटे भाई को बच्चे सौंप दिए जाते है, यहां भी कानूनी लड़ाई के पश्चात ही ये बच्चे सागरिका चक्रवर्ती को वापस मिलते है, आज सागरिका पुणे में रहती है, उसके पति से उसका अलगाव हो चुका है,उसके दोनों बच्चे अपने नाना नानी के साथ है,
सागरिका की कुंडली में छठा घर
कुंडली में छठा स्थान जो कि रोग, ऋण, शत्रु, कोर्ट केस और कानूनी तथा समस्त लड़ाई का है, इसमें पांच ग्रह सूर्य,शनि,गुरु, शुक्र और बुध विद्यमान है, कुंडली में आठवां मंगल है, छठे स्थान में इतने ग्रह होने के कारण सागरिका को अपने बच्चो के लिए विदेशी धरती में लंबी कानूनी लड़ाई करनी पड़ी,2007 से छठे स्थान में स्थित गुरु की दशा में उत्तर दिशा में स्थित देश जिसकर नाम ही नार्थ दिशा के नाम से नार्वे है उससे अपने बच्चो के लिए कानूनी लडाई करनी पड़ी, ध्यान दीजिए गुरु संतान का कारक होता है, उत्तर दिशा का कारक होता है, छठा स्थान लडाई झगड़ा का होता है, गुरु की दशा में सागरिका के साथ यही हुआ, उसके बच्चो को घर से जबरदस्ती ले जाया गया, जिसके लिए उसे कानूनी लडाई लड़नी पड़ी,2007 से शुरू हुई इस दशा की समाप्ति 2023 में होती है और छठे स्थान में स्थित उच्च के शनि की दशा लग जाती है, जिसके कारण इस घटनाक्रम पर फिल्म बन जाती है, जो उसकी लडाई को विश्व व्यापक बनाती है,कुंडली में आठवें मंगल के करने शादी के बाद से ही वैवाहिक जीवन बिगड़ जाता है, फलस्वरूप दोनो अलग हो जाते है, आठवां मंगल वैवाहिक जीवन अवश्य बिगाड़ता है, तो ये रहा मेरा ज्योतिष विश्लेषण की किस तरह शत्रु स्थान में स्थित ग्रह आदमी के जीवन को कोर्ट, कचहरी, समस्या से ग्रस्त करते है, ऐसा ही योग भगवान कृष्ण की कुंडली में भी था, उनके छठे स्थान में स्वराशि का शुक्र शनि के साथ में था जिसके कारण उन्हें भी पूरा जीवन बड़े बड़े युद्ध करने पड़े.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु"
9893280184,9302162148
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