कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- गुप्तांग दबोचना हत्या का प्रयास नहीं, 4 साल घटा दी आरोपी की सजा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- गुप्तांग दबोचना हत्या का प्रयास नहीं, 4 साल घटा दी आरोपी की सजा

प्रेषित समय :18:52:12 PM / Tue, Jun 27th, 2023

बेंगलुरु. 13 साल पूर्व मारपीट के दौरान गुप्तांग पर चोट पहुंचाने के केस में निचली अदालत से 7 साल की सजा पाए एक आरोपी की सजा कर्नाटक हाई कोर्ट ने कम कर दी. कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि झगड़े के दौरान किसी अन्य व्यक्ति के अंडकोष गुप्तांग को दबोचने को हत्या का प्रयास नहीं कहा जा सकता है. हाई कोर्ट का यह फैसला निचली अदालत के उस आदेश से अलग है, जिसने 38 साल के एक आरोपी को गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी. हाई कोर्ट ने दोषी की 7 साल कैद की सजा कम करके 3 साल कर दी है.

यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था. ये मामला 2010 का है. निचली अदालत ने 2012 में इसमें परमेश्वरप्पा को दोषी ठहराया था. इस पर सुनवाई करने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच मौके पर झगड़ा हुआ था. उस झगड़े के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता का अंडकोष दबाया, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी ने ये उसकी हत्या करने के इरादे से किया होगा. अगर आरोपी ने हत्या की तैयारी की होती या हत्या का प्रयास किया होता तो वह इसके लिए अपने साथ कुछ घातक हथियार ला सकता था.

हाईकोर्ट ने दिया ये तर्क

जस्टिस के नटराजन ने अपने हालिया फैसले में कहा, आरोपी ने शरीर के महत्वपूर्ण अंग अंडकोष को दबोचा जो मौत का कारण बन सकता है. इस घटना के बाद घायल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी सर्जरी भी की गई और अंडकोष को हटा दिया गया. जो एक गंभीर जख्म है. इसलिए, मेरी नजर में यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी ने कुत्सित इरादे या तैयारी के साथ हत्या का प्रयास किया था. आरोपी की पहुंचाई गई चोट भारतीय दंड संहिता की धारा 324 के तहत अपराध की श्रेणी में आएगी, जो शरीर के महत्वपूर्ण गुप्तांग को चोट पहुंचाने से संबंधित है.

यह थी पूरी घटना

2010 में हुए इस मामले की रिपोर्ट पीडि़त ओंकारप्पा ने दर्ज कराई थी. उसका आरोप था कि वह और अन्य लोग गांव के मेले के दौरान नरसिंहस्वामी जुलूस के सामने डांस कर रहे थे. तभी आरोपी परमेश्वरप्पा मोटरसाइकिल से वहां आया और झगड़ा करने लगा. इसके बाद हुई लड़ाई के दौरान परमेश्वरप्पा ने ओंकारप्पा के अंडकोष को दबोच लिया. इससे उसे गंभीर चोट आई. पुलिस पूछताछ और सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई. चिक्कमगलुरु जिले के मुगलिकटे गांव के निवासी परमेश्वरप्पा ने चिक्कमगलुरु में निचली अदालत की सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट से गुहार की.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

कर्नाटक में धर्मान्तरण विरोधी कानून समाप्त, भाजपा ने पेश किया था, कांग्रेस ने पलट दिया फैसला

कर्नाटक हाईकोर्ट ने जारी की चेतावनी, पूरे भारत में बंद कर देगें फेसबुक

कर्नाटक के बजट में 5 गारंटियों को लागू करने पर रहेगा फोकस, 7 जुलाई को होगा पेश

कर्नाटक: डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने समर्थकों से ‘धैर्य’ रखने और ‘निराश न होने’ कहा

NIA ने कर्नाटक-केरल और बिहार में 25 ठिकानों पर मारा छापा, पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई

कर्नाटक में बड़ा हादसा: कार और बस की टक्कर में 2 बच्चों सहित 10 लोगों की मौत, बचाव कार्य जारी