जबलपुर- केंद्रीय रेलवे अस्पताल की अराजक कार्यप्रणाली ने ली एक रिटायर कर्मचारी की जान, यह है कारण, मचा बवाल

जबलपुर- केंद्रीय रेलवे अस्पताल की अराजक कार्यप्रणाली ने ली एक रिटायर कर्मचारी की जान, यह है कारण, मचा बवाल

प्रेषित समय :19:53:42 PM / Thu, Jun 29th, 2023

जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर स्थित केन्द्रीय चिकित्सालय की अराजक व्यवस्था की जानकारी लगातार सामने आती रही है. यहां की अव्यवस्थाओं के चलते रेल कर्मचारी के साथ-साथ रिटायर्ड रेल कर्मचारी भी पीडि़त रहते हैं. ऐसा ही एक मामला आज गुरुवार 29 जून को फिर सामने आया जब, एक रिटायर रेल कर्मचारी जिसका बाईपास सर्जरी पिछले सप्ताह ही एक निजी अस्पताल में हुआ था, किंतु यहां के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने आज अवकाश होने के बाद और अस्पताल में एक भी चिकित्सक के नहीं होने पर निजी अस्पताल से वापस बुला लिया, जिसके कुछ देर बाद उक्त रिटायर रेल कर्मचारी की मौत हो गई, जिसके बाद बवाल हो गया. बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी व मजदूर संगठनों के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और अस्पताल की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए विरोध जताया.

घटना के संबंध में बताया जाता है कि रंजन सिंह कार्यालय अधीक्षक महाप्रबंधक कार्यालय में पदस्थ हैं, उनके पिता गौरीशंकर सिंह रेलवे के सेवानिवृत कर्मचारी थे, रेलवे हॉस्पिटल जबलपुर में उनका इलाज चलता था, अचानक सीने में दर्द होने के कारण  डॉक्टर कमलेश ने उन्हें आदित्य हॉस्पिटल जबलपुर रेफर कर दिया था. आदित्य हॉस्पिटल में उनका गत 23 जून 2023 को बाईपास सर्जरी हुआ. वो बिलकुल स्वस्थ थे.

डॉक्टर कमलेश की मनमर्जी के निर्णय ने ली जान

बताया जाता है कि आज डॉक्टर कमलेश के द्वारा दबाव बना कर उन्हें आदित्य हास्पिटल से जबरदस्ती रिलीव कराकर रेलवे हॉस्पिटल वापस बुला लिया. आश्चर्य की बात तो यह थी कि आज बकरीद का अवकाश था और रेलवे अस्पताल में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं था, गौरीशंकर जो रेलवे अस्पताल में आने से पहले बिलकुल सही थे, मगर यहां आते ही सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उन्हें समय पर विशेषज्ञ चिकित्सक से उपचार नहीं मिल सका, जिससे उनका दुखद निधन हो गया है. इस घटना पर श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंचे और इस मामले को लेकर जमकर विरोध जताया है.

किसका पैसा बचा रहे डॉक्टर साहब

एक तरफ तो केंद्र की मोदी सरकार और रेल मंत्रालय अपने कर्मचारियों के लिये लगातार कल्याणकारी योजनाएं लागू कराने का आदेश दे रहा है. खासकर स्वास्थ्य के मामलों में किसी तरह की आर्थिक अवरोध नहीं होने की बात कहता रहा है, लेकिन जबलपुर के केंद्रीय अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टर बता नहीं क्यों निजी अस्पताल में उपचारार्थ मरीजों को लगातार पूर्ण उपचार हुए बगैर वापस बुलाने का फरमान सुनाते रहे हैं. इसके पहले भी इसी तरह की अनेक घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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