जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर स्थित केन्द्रीय चिकित्सालय में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के चलते एक रिटायर रेल कर्मचारी की मौत के बाद आज शुक्रवार 30 जून को तनावपूर्ण सन्नाटा पसरा रहा. आक्रोशित कर्मचारी कहीं हंगामा नहीं कर दें, इसे देखते हुए रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) दिन भर मुस्तैद रही. वहीं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने मेडिकल डायरेक्टर (एमडी) से मिलकर अस्पताल में व्याप्त अनियमितता पर गंभीर आरोप लगाये.
उल्लेखनीय है कि रंजन सिंह कार्यालय अधीक्षक महाप्रबंधक कार्यालय में पदस्थ हैं, उनके पिता गौरीशंकर सिंह रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे, रेलवे हॉस्पिटल जबलपुर में उनका इलाज चलता था, अचानक सीने में दर्द होने के कारण डॉक्टर कमलेश ने उन्हें आदित्य हॉस्पिटल जबलपुर रेफर कर दिया था. आदित्य हॉस्पिटल में उनका गत 23 जून 2023 को बाईपास सर्जरी हुआ. वो बिलकुल स्वस्थ थे, लेकिन अचानक डॉक्टर कमलेश ने निजी अस्पताल में फोन कर मरीज को वापस बुला लिया. रेलवे अस्पताल पहुंचने पर उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और उनकी मौत हो गई, जिसके बाद परिजन रेल अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित हो गये थे.
परिजन रोते हुए मृतक के शव को ले गये, अंतिम संस्कार किया
इस घटना के बाद आज 30 जून को परिजन शव को रोते हुए अंतिम संस्कार के लिए ले गये. इस दौरान बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी भी मौजूद रहे, जो अस्पताल प्रशासन, खासकर डॉक्टर कमलेश की लगातार अराजक कार्यप्रणाली से आक्रोशित नजर आये. माना जा रहा है कि यह मामला अगले सोमवार को तूल पकड़ सकता है.
डबलूसीआरईयू के पदाधिकारियों ने एमडी से की भेंट, लगाये गंभीर आरोप
इस घटना से वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) काफी आक्रोशित नजर आयी. इस मामले को लेकर आज यूनियन के मंडल अध्यक्ष काम. बीएन शुक्ला व मंडल सचिव काम. रोमेश मिश्रा ने एमडी डा. राव से मुलाकात की और अस्पताल में लगातार इसी तरह की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व में भी डाक्टर कमलेश के इसी तरह अचानक निजी अस्पताल में उपचारार्थ मरीजों को पूर्ण स्वस्थ हुए बगैर वापस बुला लिया जाता है. बताया जाता है कि पूर्व में भी इसी तरह की घटनाओं में दो कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. यूनियन पदाधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी है कि डा. कमलेश से निजी अस्पताल में भर्ती करने व वापस बुलाने के अधिकार को तत्काल वापस लिया जाए और इस घटना की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए. अन्यथा यूनियन एक बड़े आंदोलन करने को बाध्य होगी.
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