#MaharashtraPolitics बड़ा सवाल- 2024 में जनता क्या करेगी? मूल भाजपाइयों की उलझनें बढ़ी, कांग्रेस को फायदा!

#MaharashtraPolitics बड़ा सवाल- 2024 में जनता क्या करेगी? मूल भाजपाइयों की उलझनें बढ़ी, कांग्रेस को फायदा!

प्रेषित समय :18:07:12 PM / Sun, Jul 2nd, 2023

प्रदीप द्विवेदी. एनसीपी नेता अजित पवार ने रविवार को अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली, जिन्हें महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.
इस शपथ ग्रहण समारोह में सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे.

अजित पवार के साथ छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ, धर्माराव, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल भाईदास पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

उल्लेखनीय है कि पिछलेे विधानसभा चुनाव के बाद ढाई-ढाई साल के सत्ता के बंटवारे के मुद्दे पर शिवसेना और बीजेपी अलग हो गए, इसके बाद से ही बीजेपी महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश में थी, सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार ने अचानक शपथ ली, लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सियासी खेल खराब कर दिया, इसके बाद एमवीए बना और शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनें, लेकिन करीब ढाई साल के बाद बीजेपी शिवसेना को तोड़ने में कामयाब हो गई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने, मजेदार बात यह है कि जो बीजेपी, शिवसेना को ढाई साल नहीं देना चाहती थी, उसने साढ़े तीन साल गुजार दिए, इतना ही नहीं, कभी सीएम रहेे देवेंद्र फडणवीस कोे उपमुख्यमंत्री बनना पड़ा और अब.... उनके साथ उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले अजित पवार अब उनके साथ उपमुख्यमंत्री हैं?

बहरहाल, इस बदलाव के साथ ही मोदी टीम ने महाराष्ट्र की सत्ता पर तो पकड़ मजबूत बना ली है, लेकिन अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जनता क्या करेगी, कोई नहीं जानता?
आइए, देखते हैं, इस बदलाव के क्या-क्या असर हो सकते हैं....

कांग्रेस- इसका सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को होगा, क्योकि बीजेपी ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार को कमजोर करके एमवीए में कांग्रेस की ताकत बढ़ा दी है, यही नहीं ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव जैसे नेताओं के सामने भी सवालिया निशान लग गया है?

बीजेपी- इस बदलाव से मूल भाजपाई सबसे ज्यादा परेशानी में हैं, देवेंद्र फडणवीस पहले ही मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं, तो एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद से कैसे हटाया जाएगा और बीजेपी का मुख्यमंत्री कैसे बनेगा, यह बड़ा सवाल है? अगले लोकसभा, विधानसभा चुनाव में मूल भाजपाइयों केे पास चुनाव लड़ने के लिए कितनी सीटें बचेंगी? मतलब.... अगले चुनावों में सीटों का बंटवारा बीजेपी को मुश्किल में डाल देगा?

शरद पवार- एनसीपी को तत्काल भले ही सियासी झटका लगा हो, लेकिन महाराष्ट्र में एनसीपी का प्रभाव और पहचान शरद पवार से है, लिहाजा उन्हें कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं होगा!
उद्धव ठाकरे- शिवसेना के पहली बार मुख्यमंत्री बनें, आदित्य ठाकरे मंत्री बनें,  मोेदी टीम की तोड़फोड़ के बाद सत्ता में नुकसान हुआ है, लेकिन जनता में जो उनका प्रभाव है, वह अगले चुनावों में असर दिखाएगा?

एकनाथ शिंदे- विधायक संख्याबल के हिसाब से एकनाथ शिंदे पहले से ही बीजेपी के सापेक्ष कमजोर है, जिसके कारण उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ज्यादा ताकतवर हैं, अब नए बदलाव के बाद सीएम एकनाथ शिंदे के लिए कई प्रश्नचिन्ह हैं?

देवेंद्र फडणवीस- सत्ता के खेल में सबसे ज्यादा उलझन में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं, उनके हाथ में कुछ नहीं है, केंद्र के निर्देश पर ही उनको आगे बढ़ना है?
सियासी सयानों का मानना है कि इस बदलाव से महाराष्ट्र का सियासी समीकरण बदल गया है, लेकिन जनता इसे लेकर क्या सोचती है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा ही खेला कर्नाटक में भी हुआ था, पर.... चुनाव में जनता ने बीजेपी को तगड़ा झटका दे दिया!
Srinivas BV @srinivasiyc
ये NCP MLA हसन मुशरिफ है, कुछ दिनों पहले ED ने मुकदमा दर्ज किया था, इनके घर और शुगर फैक्ट्री पर छापेमारी की थी!
आज वाशिंग मशीन में पूरी तरह धूल कर Corruption Free हो चुके है?
क्या ED दोबारा इनके ठिकानों पर छापा मारेगी??
https://twitter.com/i/status/1675450562098372608
Aadesh Rawal @AadeshRawal
सिर्फ़ जानकारी के लिए.... महाराष्ट्र सरकार में शपथ लेने वाले ज्यादातर विधायकों के खिलाफ केंद्र की सरकारी एजेंसियों की जांच चल रही है!
Rofl Gandhi 2.0 @RoflGandhi_
सिद्धांतों की बात तो अब स्कूलों में भी नहीं की जाती, राजनीति का तो फिर क्या ही रोना?
महाराष्ट्र में अजित पवार का भाजपा गठबंधन के साथ जाना सोचा समझा प्लान है, ये पक्का है कि MVA को बहुमत मिला तो CM का चेहरा उद्धव साहब होंगे, इसलिये अजित दादा का उधर कोई चांस नहीं था?
लेकिन.... भाजपा गठबंधन बहुमत की स्थिति में आया तो उनका ये मौका बन सकता है, क्योंकि फडणवीस साहब का दिल्ली से पत्ता कट चुका है और शिंदे साहब का 2-4 सीट से बड़ा वजूद नहीं है!
और.... भाजपा के लिए ये जरूरी था कि MVA को तोड़ा जाये, वर्ना लोकसभा में 10 से नीचे निपट जाती?
Surya Pratap Singh IAS Rtd. @suryapsingh_IAS
वाशिंग मशीन की और भागते नेता.... शपथ लेने वाले अधिकांश मंत्रियों के पीछे एजेंसियां लगीं!
Alok Sharma @Aloksharmaaicc
जिन जिन को जान बचानी थी वो सब भाजपा में चले गए....
https://twitter.com/i/status/1675045600872775680

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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