पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. एमपी के जबलपुर कलेक्टर सौरभ सुमन सहित तीन कलेक्टर व एक संभागीय कमिश्रर के खिलाफ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. इन चार आईएएस अधिकारियों की लिखित शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की है. जिसमें कहा गया है कि चारों अधिकारियों को हटाकर दूसरे आईएएस अधिकारियों को पदस्थ किया जाए. चुनावी वर्ष होने के कारण इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जल्द ही फैसला लिया जा सकता है. हालांकि जबलपुर कलेक्टर सौरभ सुमन को लेकर यह चर्चा भी है कि उनकी कार्यप्रणाली से सीएम शिवराज सिंह चौहान काफी खुश है.
सूत्रों के अनुसार प्रदेश की शिवराज सिंह चौहार सरकार द्वारा एक कोर कमेटी का गठन किया गया, जिसमें जिला अध्यक्ष, मंत्री, सांसद, विधायकों सहित अन्य पदाधिकारियों को शामिल किया गया. इस कोर कमेटी से सरकार ने उनके जिलों के अधिकारियों के संबंध जानकारी मांगी थी. उक्त कमेटी के सदस्यों ने बैठक के बाद अपने अपने प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे है. जिसमें शहडोल संभागायुक्त राजीव शर्मा, जबलपुर कलेक्टर सौरभ सुमन, छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर, उमरिया कलेक्टर केडी त्रिपाठी व रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को हटाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया. हालांकि रीवा कलेक्टर प्रतिभा पॉल को लेकर भाजपा नेता दो गुट में बंट गए थे, एक गुट समर्थन में रहा तो दूसरा विरोध में रहा. जिसके चलते रीवा कलेक्टर का प्रस्ताव वापस ले लिया गया. सूत्रों की माने तो जबलपुर कलेक्टर सौरभ सुमन के खिलाफ जबलपुर के भाजपा नेताओं ने एक जुट होकर शिकायत की है कि वे काम नहीं कर रहे है, नेताओं को जो प्रोटोकॉल व सम्मान दिया जाना चाहिए, वह भी नहीं दिया जाता है. पिछले दिनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के जबलपुर में आयोजित योग कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इस दौरान मंच पर राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक के लिए कुर्सी तक नहीं लगाई गई थी. इस घटना को लेकर राज्यसभा सांसद ने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया था, सांसद ने कलेक्टर पर हरिजन व आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक शिकायत की थी. कोर कमेटी द्वारा जबलपुर कलेक्टर की शिकायत पर सीएम शिवराजसिंह चौहान द्वारा अमल किया जाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा क्योंकि सीएम श्री चौहान कलेक्टर सौरभ सुमन की कार्यप्रणाली से खुश है. वही शहडोल संभागायुक्त को लेकर कोर कमेटी ने लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि वे शिकायतों को सुनकर हां तो कर देते है लेकिन किसी के काम नहीं करते है.
छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर-
इसी तरह छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर के खिलाफ भाजपा नेता लम्बे समय से मोर्चा खोले हुए है. नेताओं का आरोप है कि कलेक्टर द्वारा जन मानस के काम नहीं किए जा रहे है. वे कभी मोबाइल फोन रिसीव नहीं करते है, किसी से मिलना भी उन्हे पसंद नहीं है. वे कभी भी गोपनीय तौर पर जबलपुर चले जाते है, कार्यालय में भी ज्यादा समय नहीं देते है.
उमरिया कलेक्टर केडी त्रिपाठी-
इनपर भाजपा नेताओं का आरोप है कि वे कांग्रेस नेताओं की बात ज्यादा सुनते है, उनके कामों को ज्यादा तव्वजों देते है. कलेक्टर श्री त्रिपाठी बहुत कम ही लोगों से मिलते जुलते है, कार्यप्रणाली धीमी होने के चलते लोगों के काम नहीं हो पाते है. जनप्रतिनिधियों व नेताओं का सम्मान नहीं किया जाता है.
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