कैनबरा. ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तट पर बुधवार सुबह 51 पायलट व्हेल की मौत हो गई. ऑस्ट्रेलिया के पार्क एंड वाइल्डलाइफ सर्विस ने बताया कि देश के पश्चिम में चीनेस बीच पर मंगलवार को करीब 100 पायलट व्हेल्स पहुंची थीं. यहां रात भर फंसे रहने के बाद 51 व्हेल्स की मौत हो गई. उन्होंने कहा- हम जिंदा बची करीब 46 व्हेल को गहरे पानी में भेजने की कोशिश कर रहे हैं.
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार सुबह पायलट व्हेल्स का एक ग्रुप अल्बानी से 60 किलोमीटर पूर्व में चेनेस बीच के पास तैरता हुआ दिखाई दिया था. इसके बाद शाम तक व्हेल्स का ग्रुप समुद्र के किनारे पहुंचने लगा और शाम तक पूरा बीच व्हेल से ढक गया. ये व्हेल्स रात भर तट पर ही फंसी रहीं.
एक्सपर्ट बोले- व्हेल्स का तट पर पहुंचना असामान्य
मरीन लाइफ एक्सपर्ट्स ने बताया कि व्हेल्स का अचानक तट पर पहुंचना असामान्य है. यह किसी बीमारी के फैलने का भी संकेत हो सकता है. हालांकि व्हेल्स के इतनी बड़ी संख्या में अचानक तट पर पहुंचने की सही वजह अभी तक सामने नहीं आई है.
डॉक्टर्स-एक्सपर्ट्स ने रातभर तट पर कैम्पिंग की
व्हेल्स का ग्रुप तट पर पहुंचने के मरीन एक्सपर्ट्स और वॉलंटियर्स ने रातभर बीच के पास कैंपिंग की. इस टीम में पर्थ चिडिय़ाघर के डॉक्टर्स, एक्सपर्ट्स जहाज और स्लिंग्स के साथ दूसरे सभी इक्विपमेंट लेकर मौजूद थे. इन लोगों को ऑस्ट्रेलिया के एनिमल लवर्स और दूसरे कई लोगों ने मदद की पेशकश भी की, ताकि व्हेल्स की निगरानी की जा सके. ???
डॉल्फिन की एक प्रजाति है पायलट व्हेल
पायलट व्हेल समुद्री डॉल्फिन की एक प्रजाति है, जो समूह में यात्रा करती हैं. ये समुद्र तट पर अपने समूह के एक लीडर (पायलट) को फॉलो करती हैं और ग्रुप में किसी साथी के घायल हो जाने पर उसके आसपास बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो जाती हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पायलट व्हेल हमेशा एक साथ रहती हैं. अगर कोई एक व्हेल कहीं फंस जाती है तो बाकी सब भी उसके पीछे जाने लगती हैं. यही वजह है कि समुद्री तट के किनारे एक साथ इतनी सारी व्हेल्स की मौत हो रही है. बताया जाता है कि कई बार कोई एक व्हेल किनारे पर आ जाती है और फिर तकलीफ में दूसरी व्हेलों के पास संकेत भेजती है. उस व्हेल के सिग्नल्स मिलने पर दूसरी व्हेल्स भी उसके पास आने लगती हैं और फंसती चली जाती हैं. व्हेल एक्सपर्ट का कहना है कि पानी का स्तर कम होने पर भी कई बार ये भटक जाती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर शादमा सिद्दीकी को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की
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