पटना. बिहार में जाति आधारित जनगणना का रास्ता साफ हो गया है. पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई में इस पर लगी रोक हटा दी है.
बता दें, बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा पिछले दिनों से गर्म है. इस पर राजनीति भी खूब हो रही है. नीतीश कुमार सरकार ने कोर्ट में इसके पक्ष में दलील रखी थी. सरकार ने कहा था कि यह एक तरह का सर्वे है. वहीं कुछ याचिकाएं इसके खिलाफ दायर की गई थीं.
सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने रोक हटा दी. अब जाति आधारित जनगणना का बचा हुआ काम पूरा किया जाएगा. जाति आधारित सर्वे के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देने वाली कुल 5 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की पीठ ने यह फैसला दिया. सुनवाई के बाद 7 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जाति आधारित जनगणना के दो चरण
गौरतलब है कि सर्वे दो चरणों में शुरू किया गया था. पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चला. दूसरा चरण 15 अप्रैल को शुरू हुआ, जिसमें लोगों की जाति और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की जानकारी एकत्र की गई. यह पूरी प्रक्रिया मई 2023 तक समाप्त होना थी, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मणिपुर हिंसा को लेकर अब भाजपा में विरोध, बिहार में विनोद शर्मा दिया पार्टी से इस्तीफा
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