अमृतसर. पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के समय रेलवे में नौकरियों को लेकर हुए फर्जीवाड़े की जांच के घेरे में फिरोजपुर डिवीजन में तैनात 20 कर्मचारी भी आ गए हैं. एक साल से चल रही जांच के बाद सीबीआई ने इन सभी को दिल्ली तलब किया है.
इनमें सबसे अधिक लुधियाना रेलवे स्टेशन में 7, जम्मूतवी स्टेशन में 5, उधमपुर स्टेशन, चौकी मान स्टेशन, पठानकोट स्टेशन, श्री वैष्णोदेवी कटड़ा स्टेशन, अमृतसर स्टेशन और फगवाड़ा स्टेशन से 1-1 और फिरोजपुर से 2 कर्मी शामिल हैं. इनमें से तीन को 26 और 27 को बुलाया गया था. 15 मुलाजिमों को 28 से 31 जुलाई के बीच पेश होने के लिए कहा गया है. वहीं बाकी के 2 की पेशी 1 अगस्त को होगी. इनमें सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिकल विभाग में 7 और मैकेनिकल के 5 कर्मचारी हैं. वहीं कॉमर्शियल-पर्सनल के 2-2, एस एंड टी के 3 और ऑपरेटिंग का 1 कर्मचारी शामिल है.
दरअसल, सीबीआई को लालू के घर से बीते वर्ष एक हार्डडिस्क मिला था, उसी में इन कर्मचारियों के नामों के समेत फर्जीवाड़े से जुड़े कई सबूत मिले हैं. बता दें कि फिरोजपुर डिविजन में जिन कर्मियों से पूछताछ होनी है, उनमें ज्यादातर बिहार के रहने वाले ही लोग हैं. इन पर गलत तरीके से नौकरी हथियाने के लिए जमीन देने जॉब लेने का आरोप है. इनमें 8 कर्मी यादव, एक चौधरी बिरादरी से जुड़ा है. वहीं एक महिला भी इनमें शामिल है. दो की कास्ट राय, सात के सरनेम कुमार हैं. एक मुस्लिम भी शामिल हैं.सीबीआई 1 अगस्त तक दिल्ली में करेगी पूछताछ, इन 20 आरोपियों में सबसे ज्यादा 7 लुधियाना स्टेशन में तैनात हैं.
पूर्व रेल मंत्री लालू के घर से मिले हार्ड डिस्क से खुले राज सूत्रों की मानें फर्जीवाड़ा 2004 से 2009 के दौरान जब रेल मंत्री लालू यादव थे, तब अंजाम दिया गया था. लेकिन सीबीआई जांच में फर्जीवाड़ा की परतें खुलती जा रही हैं. इसका पहली बार खुलासा तब हुआ था जब लालू यादव के घर से हार्ड डिस्क मिला था.
एक साल पहले ये गड़बडिय़ां मिली तब सीबीआई ने शुरू की जांच
नौकरी में फर्जीवाड़े के लिए बाकायदा पटना कैंप कार्यालय में एमआर के नाम से स्पेशल सेल बनाया था. यहीं पर इन उम्मीदवारों के डॉक्यूमेंट और एप्लीकेशन जमा हुए थे. सेल रेलवे अधिकारियों तक आवेदन भेजने से पहले संबंधित आवेदक के डॉक्यूमेंट्स की जांच करता था. किस उम्मीदवार को रेलवे के किस जोन में भेजा जाएगा, यह फैसले भी यहीं किया जाता था. सीबीआई चार्जशीट में सामने आ चुका है कि उम्मीदवारों ने गलत-सलत टीसी का इस्तेमाल किया. रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज तक जमा कराए गए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे : नशे में धुत शख्स ने रेलवे ट्रैक पर दौड़ाई तेज रफ्तार कार, 15 मिनट बाद हो गया कांड
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