बेंगलुरु. कावेरी नदी का पानी छोडऩे को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज एक विशेष आपातकालीन बैठक बुलाई. दरअसल, कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूआरसी) के तमिलनाडु के लिए अगले 15 दिनों तक हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे की सिफारिश के एक दिन बाद ही यह आपात बैठक हो रही है. बताया जा रहा है कि बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलने दिल्ली जाएंगे.
कावेरी जल बंटवारे मुद्दे पर बेंगलुरु में बुधवार यानी आज सर्वदलीय बैठक हो रही है. बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य नेता मौजूद रहे. कावेरी जल बंटवारे मुद्दे पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने बैठक में कहा कि राज्य भारी बारिश की कमी का सामना कर रहा है. इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तमिलनाडु को पानी छोडऩे की स्थिति में नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूआरसी) के समक्ष भी याचिका दायर करेंगे. सीएम ने कहा कि हम संसद के विशेष सत्र से पहले इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपने सांसदों को बुलाने की सोच रहे हैं.
इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं पर विधायक और कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा की अध्यक्षता वाली कैबिनेट उपसमिति ने कर्नाटक में 195 तालुकाओं को सूखाग्रस्त घोषित करने की सिफारिश की है. दूसरी ओर, तमिलनाडु को पानी छोडऩे से रोकने की मांग को लेकर मांड्या के श्रीरंगपट्टन शहर में किसानों ने मुंह पर काला मास्क पहनकर विरोध-प्रदर्शन किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कर्नाटक के चित्रदुर्ग में भीषण सड़क हादसा, खड़े ट्रक में जा घुसी कार, 4 की मौके पर मौत
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