दिन में एक बार जाप करने से नामुमकिन काम भी हो जाएगा मुमकिन ! अधिकतर लोगों को पता होगा कि भगवान शंकर के अनेकों नाम है। भक्त भिन्न-भिन्न नामों से इनका गुणगान करते हैं, कोई महादेव तो कोई भोलेनाथ, कोई अघोरी तो कोई शंभु।
भोलेनाथ के अलग-अलग रूपों के कारण ही उनके इतने नाम हैं। इन्हें तंत्र साधना का जनक भी कहा जाता है, इसलिए कोई भी तंत्र साधना उनके बिना पूरी नहीं होती। जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से इनकी अराधना करता है, उसके जीवन से बड़े-बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान शिव का एक स्वरूप महाकाल का भी है, यानि वे मृत्यु को भी अपने वश में रखते हैं
महामृत्युंजय मंत्र के विषय में तो यह भी माना जाता है कि वह आसन्न मृत्यु को भी टाल सकता है। लेकिन बहुत ही कम लोग महाकाल स्तोत्रं के बारे में जानते हैं, जिसे स्वयं भगवान शिव ने भैरवी को बताया था। इस स्तोत्रं में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों की स्तुति की गई है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
प्रतिदिन बस एक बार इस स्तोत्र का जाप भक्त के भीतर नई ऊर्जा और शक्ति का संचार कर सकता है। इस स्तोत्र का जाप आपको सफलता के बहुत निकट लेकर जा सकता है।
महाकाल स्तोत्र
ॐ महाकाल महाकाय महाकाल जगत्पते।
महाकाल महायोगिन महाकाल नमोस्तुते।।
महाकाल महादेव महाकाल महा प्रभो।
महाकाल महारुद्र महाकाल नमोस्तुते।।
महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोपहन।
महाकाल महाकाल महाकाल नमोस्तुते।।
भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः।
रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशुना पतये नमः।।
उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः।
भीमाय च नमस्तुभ्यं मिशानाया नमो नमः।।
ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः।
सद्योजात नमस्तुभ्यं शुक्ल वर्ण नमो नमः।।
अधः काल अग्नि रुद्राय रूद्र रूप आय वै नमः।
स्थितुपति लयानाम च हेतु रूपआय वै नमः।।
परमेश्वर रूप स्तवं नील कंठ नमोस्तुते।
पवनाय नमतुभ्यम हुताशन नमोस्तुते।।
सोम रूप नमस्तुभ्यं सूर्य रूप नमोस्तुते।
यजमान नमस्तुभ्यं अकाशाया नमो नमः।।
सर्व रूप नमस्तुभ्यं विश्व रूप नमोस्तुते।
ब्रहम रूप नमस्तुभ्यं विष्णु रूप नमोस्तुते।।
रूद्र रूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोस्तुते।
स्थावराय नमस्तुभ्यं जंघमाय नमो नमः।।
नमः उभय रूपा भ्याम शाश्वताय नमो नमः।
हुं हुंकार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः।।
सचिदानंद रूपाय महाकालाय ते नमः।
प्रसीद में नमो नित्यं मेघ वर्ण नमोस्तुते।।
प्रसीद में महेशान दिग्वासाया नमो नमः।।
ॐ ह्रीं माया- स्वरूपाय सच्चिदानंद तेजसे स्वः सम्पूर्ण मन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः।।
फल श्रुति।
इत्येवं देव देवस्य मह्कालासय भैरवी।
कीर्तितम पूजनं सम्यक सधाकानाम सुखावहम।।
महाकाल स्तोत्र के लाभ-
महाकाल स्तोत्र का वर्णन भगवान महाकाल ने देवी भैरवी से स्वयं किया था महकाल स्तोत्र की महिमा को जितना वर्णित किया जाए वो कम है।
महाकाल स्तोत्र में भगवान महाकाल के विभिन्न नामों का वर्णन किया हैं, यह शिव भक्तों के लिए वरदान है ! महाकाल स्तोत्र का जप करने के साथ साधक अपने मन में शक्ति तत्वों और सुख महसूस करता है।
शास्त्रों के अनुसार सुबह जल्दी स्नान करके भगवान् महाकाल की तस्वीर के सामने महाकाल स्तोत्र का पाठ करें।
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यह भी जान लें, जन्म कुंडली में नीच का राहु क्या-क्या नाच नचाता है!
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