रेल मंत्रालय ने रेलवे के रेफरल अस्पताल में कर्मचारियों को कैशलैस इलाज की सुविधा की बंद, डब्ल्यूसीआरईयू ने जताया कड़ा विरोध

रेल मंत्रालय ने रेलवे के रेफरल अस्पताल में कर्मचारियों को कैशलैस इलाज की सुविधा की बंद, डब्ल्यूसीआरईयू ने जताया कड़ा विरोध

प्रेषित समय :19:33:40 PM / Thu, Oct 19th, 2023
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पलपल संवाददाता, कोटा. भारतीय रेलवे के पेनल में शामिल निजी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति में कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए कैशलेस उपचार योजना (सीटीएसई) को रेलवे बोर्ड ने पत्र जारी कर बन्द कर दिया है. जिस पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलॉईज यूनियन ने कड़ा विरोध जताते हुए इसे पुन: प्रारम्भ करने हेतु एआईआरएफ के माध्यम से अनुरोध किया है.

सहायक मण्डल सचिव नरेश मालव ने बताया कि भारतीय रेलवे के पेनल में शामिल नीजि अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति में कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए कैशलेस उपचार योजना (सीटीएसई)  प्रारम्भ की गई थी. जिसके तहत आपातकालीन स्थिति में सेवारत या सेवानिवृत कर्मचारी पहचान पत्र के रूप में यूएमआईडी कार्ड प्रस्तुत कर बिना रेफरल के रेलवे पेनल में शामिल अस्पतालों में इलाज करवा सकते थे. लेकिन दुखद है कि रेलवे बोर्ड द्वारा  16 अक्टूबर 2023 को पत्र के माध्यम से आदेश जारी कर इस सीटीएसई स्कीम को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है. साथ ही यह भी निर्णय दिया कि सेवानिवृति/कार्यालय के समय मृत्यु उपरांत निपटारा दस्तावेज में सीटीएसई कार्ड सुविधा का विकल्प तुरंत प्रभाव से हटा दिया जाए और यह भी निर्देशित किया कि सीटीएसई के लिए जमा की गई राशि के लिए सीटीएसई कार्डधारक को कोई रिफण्ड जारी नहीं किया जायेगा. रेलवे बोर्ड के इस एक तरफा आदेश से भारतीय रेल के समस्त रेल कर्मचारियों मे निराशा का माहौल है. क्योंकि इस सुविधा से रेल परिक्षेत्र से दूर रह रहे कर्मचारियों को आपातकालीन समय तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल रहा था एवं उन्हें रेफरल हेतु रेलवे अस्पतालो पर निर्भर नहीं होना पड़ रहा था. इससे आपातकाल में रेफरल प्रक्रिया में लगने वाले समय की भी बचत हो रही थी. लेकिन इसके बावजूद भी रेल मंत्रालय द्वारा एक तरफा फैसला लेकर इस योजना को बन्द करना न्यायोचित नहीं है.  इस संबंध में आज यूनियन के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने ऑल इंडिया रेल वेमेन्स फेडरेशन के महामंत्री कॉ शिवगोपाल मिश्रा को पत्र लिखकर रेलवे बोर्ड तथा रेल मंत्रालय स्तर पर आवश्यक कार्यवाही कर यह योजना पुन: प्रारंभ करवाने हेतु अनुरोध किया है. क्योंकि भारतीय रेल में कार्यरत कर्मचारी बड़े शहरो के साथ-साथ छोटे स्टेशनों पर भी रहते है. जिन्हें आपातकालीन परिस्थिति में रेफरल हेतु रेलवे चिकित्सालयों में आना पड़ेगा. जिससे उनका समय भी व्यर्थ होगा और इलाज में भी देरी होगी. कॉमरेड मुकेश गालव ने उम्मीद जतायी की शीघ्र ही इस पर उच्च स्तर पर संज्ञान लेकर इस योजना को पुन: प्रारम्भ करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेगें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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