राहुल गांधी अब पनौती, जेबकतरे पर फंसे, चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस

राहुल गांधी अब पनौती, जेबकतरे पर फंसे, चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस

प्रेषित समय :19:53:22 PM / Thu, Nov 23rd, 2023
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नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी अब पनौती व जेबकतरे जैसे शब्दों  के इस्तेमाल करने में फंस गए है. चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाली उनकी इस टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करके निर्णायक कार्रवाई की है. नोटिस विशेष रूप से गांधी द्वारा अपने भाषणों के दौरान श्पनौती, अपशकुन, जेबकतरे जैसे शब्दों के इस्तेमाल और ऋण माफी से संबंधित टिप्पणियों के लिए भेजा गया है. चुनाव आयोग ने गांधी को शनिवार शाम तक जवाब देने का निर्देश दिया है.

यह घटनाक्रम सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव आयोग में दर्ज कराई गई एक शिकायत के जवाब में आया है. जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर चिंता व्यक्त की गई थी. भाजपा ने तर्क दिया कि ऐसी भाषा एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता के लिए अशोभनीय थी. इस बीच पीएम मोदी पर निशाना साधने वाली अपनी टिप्पणी पर राहुल गांधी को चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने किसी भी औपचारिक संचार को संबोधित करने के लिए पार्टी की तत्परता की पुष्टि की है. खडग़े ने कहा हमारे पास आने वाले किसी भी नोटिस का हम सामना करेंगे. यह पूर्व पार्टी अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों पर चुनाव आयोग की जांच में सहयोग करने की कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नोटिस में चुनाव आयोग ने गांधी को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की याद दिलाते हुए इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक नेताओं को अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाने से प्रतिबंधित किया गया है. चुनाव आयोग का हस्तक्षेप राजनीतिक चर्चा में मर्यादा बनाए रखने व यह सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है कि नेता नैतिक मानकों का खासकर चुनाव प्रचार के दौरान पालन करें. चुनावी राज्य राजस्थान में हाल की रैलियों के दौरान राहुल गांधी द्वारा पनौती व जेबकतरे जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया. जिससे राज्य के राजनीतिक माहौल में विवाद बढ़ गया है. कारण बताओ नोटिस गांधी को चुनाव आयोग के समक्ष अपने बयानों के इरादे व संदर्भ को स्पष्ट करने का अवसर प्रदान करता है. शनिवार शाम तक आने वाली प्रतिक्रिया से इस बात पर प्रकाश पडऩे की उम्मीद है कि क्या गांधी की टिप्पणियां किसी विशिष्ट उद्देश्य से की गई थीं या वे एक बड़ी राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा थीं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-