#Rajasthan अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे सियासी युग.... क्या कहते हैं सत्ता के सितारे?

#Rajasthan अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे सियासी युग.... क्या कहते हैं सत्ता के सितारे?

प्रेषित समय :15:08:44 PM / Wed, Dec 13th, 2023
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* प्रदीप द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8005967540)
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों से पहले 3 दिसंबर 2023 को- किसके सत्ता के सितारे बुलंद हैं? अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, में कहा था....
राजस्थान में मतदान के बाद 3 दिसंबर 2023 को मतगणना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि- कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
वैसे तो यह जानना संभव नहीं है कि- कौन बनेगा मुख्यमंत्री, क्योंकि इतने विधायकों में से किसके सितारे सबसे बुलंद हैं, यह जाना मुश्किल है, लेकिन प्रचलित कुंड़लियों से यह देखा जा सकता है कि जो नाम चर्चाओं में हैं, उनके सत्ता के सितारे कैसे हैं?
अशोक गहलोत- यदि कांग्रेस जीतती है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की संभावना 60 प्रतिशत है, उनकी वर्तमान राहु की दशा में गुरु की अंतर्दशा समर्थन कर रही है, लेकिन वर्षफल उतना प्रभावी नहीं है, अलबत्ता नतीजों के समय, समय अच्छा है, हालांकि 12 दिसंबर 2023 तक गुप्त विरोधी सक्रिय रहेंगे, लिहाजा सतर्क रहना होगा.
क्या हुआ?
कांग्रेस हार गई, उनके करीबियों ने ही उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया!
वसुंधरा राजे- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की महादशा अच्छी है, वर्षफल भी 23 दिसंबर 2023 तक अच्छा है, लेकिन वरिष्ठजनों का समर्थन जुटाना आसान नहीं रहेगा, मुख्यमंत्री बनने की संभावना 60 प्रतिशत है.
क्या हुआ?
बीजेपी जीत गई, जनता की नजरों में सबसे आगे रही, लेकिन केंद्र के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन नहीं मिला, नतीजा.... मुख्यमंत्री पद हाथ से निकल गया!
अब आगे क्या?
राजस्थान में कभी पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत हरिदेव जोशी और भैरोसिंह शेखावत की तरह ही अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का सत्ता का चक्र चला, पिछले ढाई दशक से एक बार अशोक गहलोत, तो दूसरी बार वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनते रहे, लेकिन इस बार कांग्रेस हार गई तो अशोक गहलोत मुख्यमंत्री नहीं बने, बीजेपी जीत गई, बावजूद इसके वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, लिहाजा सत्ता का चक्र टूट गया!
बड़ा सवाल यह है कि.... अब अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का सियासी भविष्य कैसा है?
कर्म की अपनी भूमिका है, लिहाजा कर्म के सापेक्ष दोनों को परिणाम मिलेगा लेकिन सफलता का प्रतिशत भाग्य तय करता है.
यह संयोग ही है कि प्रचलित कुंडलियों के हिसाब से दोनों की राहु की महादशा चल रही है, लेकिन अंतरदशा और वर्षफल की गणित अलग है.
देखते हैं, अगले तीन साल के सियासत के सितारे क्या कहते हैं?
अशोक गहलोत- राहु महादशा के समय में मिले जुले परिणाम मिलेंगे, अपने लक्ष्य से भटकेंगे नहीं, दृढ़ निश्चय रहेगा, लेकिन अपने ही तर्कों में उलझ कर रह जाएंगे, धर्म-कर्म पर ध्यान देना होगा.
इस साल 30 दिसंबर 2023 से 20 जनवरी 2024 तक सतर्क रहना होगा, विरोधी उलझाने की कोशिश कर सकते हैं, अपनी और अपनों की सेहत पर ध्यान देना होगा.
यह साल- 60 प्रतिशत अच्छा है, मई 2024 तक कठिन समय है, करीबियों के व्यवहार से अकेलापन महसूस करेंगे, राजस्थान से दूर जाने के योग बन रहे हैं.
दूसरा साल- 50 प्रतिशत अच्छा है, मई 2024 से मई 2025 तक गुप्त विरोधी सक्रिय रहेंगे, सेहत के मामले में सतर्क रहना होगा, कभी कार्यस्थल पर जिन्हें लाभ पहुंचाया, उन्हीं का सहयोग विरोधियों को मिलने के कारण सियासी बेचैनी रहेगी.
तीसरा साल- यह 70 प्रतिशत कामयाबी देगा, मई 2025 से मई 2026 तक का समय दो साल की सियासी परेशानियों से राहत देगा, विरोधी कमजोर पड़ जाएंगे, परास्त होंगे, कानूनी जीत मिलेगी, सेहत में सुधार होगा, तो एक बार फिर सफलता का परचम लहराएगा.
वसुंधरा राजे- राहु की महादशा कभी-कभी कामयाबी अटकाती रहेगी, हालांकि सियासी सक्रियता और आत्मविश्वास बना रहेगा, समय आने पर विरोधी फिर से सियासी शरण में आएंगे, धर्म-कर्म पर विशेष ध्यान देना होगा, राहु के कुप्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी.
यह साल- 60 प्रतिशत कामयाबी दे रहा है, मार्च 2024 तक समय बेहतर होता जाएगा, दूर हो गए सहयोगियों का समर्थन बढ़ने लगेगा, लोकप्रियता बढ़ेगी, अपनों के लिए ज्यादा अच्छा काम कर पाएंगी.
दूसरा साल- 70 प्रतिशत सफलता देगा, मार्च 2024 से मार्च 2025 तक जहां वरिष्ठों का समर्थन मिलेगा, वहीं पुराने विरोधी भी सियासी हथियार डाल देंगे, पदोन्नति मिलेगी, तो सम्मान भी बढ़ेगा.
तीसरा साल- 60 प्रतिशत अच्छा रहेगा, मार्च 2025 से मार्च 2026 तक पारिवारिक मामलों को लेकर सतर्क रहना होगा, अपनी और अपनों की सेहत पर ध्यान देना होगा, कभी-कभी अकेलेपन का अहसास होगा, इसलिए ध्यान और धर्म-कर्म में सक्रिय रहना होगा.

सियासत के सितारों पर भरोसा करें तो नतीजा यही है कि- वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत, दोनों को मिले-जुले परिणाम मिलेंगे, बहुत संभव है कि.... दोनों को राजस्थान के बाहर कोई बड़ी भूमिका मिल सकती है!
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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