पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव व उपमुख्यमंत्री की शपथ के बाद मंत्रीमंडल को लेकर दिल्ली में अभी भी मंथन चल रहा है. आज शाम मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दिल्ली पहुंच गए. जहां पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व अमित शाह के साथ बैठक चल रही है. चर्चाओं में यह बात भी सामने आ रही है कि मंत्रीमंडल में उन नेताओं को जगह मिलने की संभावना है तो 3 से 5 बार विधायक रह चुके है और उन्हे कोई मंत्रीमंडल में कोई स्थान नहीं मिला है.
सूत्रों का कहना है कि सांसद रहते हुए विधानसभा चुनाव जीतने वाले नेता मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री बनाए जा सकते है, उन्हे प्राथमिकता दी जाएगी. इनमें से नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही विधानसभा अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. इसके बाद प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, राकेश सिंह व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा भाजपा संगठन लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में रखते हुए मंत्रीमंडल में चेहरे तय करने में जुटा है. जिसमें क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों को लेकर भी मंथन किया जा रहा है. दूसरी ओर सागर व भोपाल को लेकर पेंच फंसा हुआ है, सागर से भूपेन्द्रसिंह, गोविंद सिंह, गोपाल भार्गव शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल में मंत्री रहे. अब नए चेहरों में शैलेन्द्र जैन व प्रदीप लारिया का नाम मंत्री पद के लिए चलाया जा रहा है. गोपाल भार्गव व भूपेन्द्रसिंह ने भी पूरी ताकत लगा दी है. गोविंद सिंह के ज्योतिरादित्य सिंधिया ताकत लगा रहे है. इसी तरह भोपाल में विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा, कृष्ण गौर व विष्णु खत्री भी मंत्रीमंडल में जगह पाने के दावेदार हैं.
इन्हे मिल सकती है जगह-
यदि 3 से 5 बार के विधायक के फार्मूले को ध्यान में रखा जाता है कि पांचवी बार नीमच से विधायक बने दिलीपसिंह परिहार को स्थान दिया जा सकता है. चौथीबार के विधायकों में सागर से शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया नरयावली, कुंवर सिंह टेकाम धौहनी, विजयपाल सिंह सोहागपुर, रमेश मेंदोला इंदौर-2, मालिनी गौड़ इंदौर-.4 से है.
तीन बार के विधायक-
राकेश शुक्ला मेहगांव, देवेंद्र जैन शिवपुरी, अनिल जैन निवाड़ी, उमा खटीक हटा, दिव्यराज सिंह सिरमौर, शिवनारायण सिंह बांधवगढ़, संदीप जायसवाल मुडवारा, अशोक रोहाणी जबलपुर कैंट, सुशील तिवारी पनागर, दिनेश राय सिवनी, महेंद्र सिंह चौहान भैंसदेही, प्रेमशंकर वर्मा सिवनी मालवा, ठाकुरदास नागवंशी पिपरिया, विष्णु खत्री बैरसिया, कृष्णा गौर गोविंदपुरा, रामेश्वर शर्मा हुजूर, सुदेश राय सीहोर, गायत्री राजे पवार देवास, आशीष शर्मा खातेगांव, नारायण पटेल मांधाता, नीना वर्मा धार, मनोज पटेल देपालपुर, चेतन्य कश्यप रतलाम सिटी. ये सभी विधायक ऐसे हैं जिन्हे मंत्रीमंडल में एक बार भी जगह नहीं मिली है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-#MadhyaPradesh क्या मध्यप्रदेश कांग्रेस में बदलाव से 2024 में फायदा होगा?
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