मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग, नए सिरे से होगी नियुक्तियां, जिला अध्यक्ष, प्रभारी काम करते रहेगें..!

मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग, नए सिरे से होगी नियुक्तियां, जिला अध्यक्ष, प्रभारी काम करते रहेगें..!

प्रेषित समय :20:45:12 PM / Tue, Dec 26th, 2023
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पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी में विधानसभा चुनाव मेें मिली करारी शिकस्त के बाद प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. उक्ताशय की जानकारी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेन्द्रसिंह ने दी है. उन्होने कहा कि आगामी आदेश तक जिला अध्यक्ष व जिला प्रभारी काम करते रहेगें. अब सारी नियुक्तियां नए सिरे से की जाएगी.

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि वर्तमान समय संघर्ष व चुनौती से भरा है, फिर भी असंभव कुछ भी नहीं है. हम समर्पण के साथ मैं नहीं हम को सर्वोपरि मानकर एकजुटता के साथ काम करेंगे. बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेन्द्रसिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, सुरेश पचौरी, जिला अध्यक्ष व जिला प्रभारी भी उपस्थित रहे. गौरतलब है कि कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया था. जबकि रणदीप सुरजेवाला की जगह भंवर जितेंद्र सिंह को मध्यप्रदेश का प्रभारी बनाया गया. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद जितेंद्र सिंह आज भोपाल पहुंचे. जहां उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक ली. मध्यप्रदेश कांग्रेस में 105 प्रदेश महासचिव, 50 प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, जिनमें अजय चौरडिया, अभय दुबे, राजीव सिंह, जेपी धनोपिया, अर्चना जायसवाल, चंद्रप्रभाष शेखर, दीपक सक्सेना, गोविन्द गोयल जैसे नाम शामिल हैं. प्रदेश महासचिव, प्रदेश सचिव, सह सचिव सहित तमाम पदाधिकारियों व प्रदेश कार्यकारिणी भंग की गई है. प्रदेश के पदाधिकारियों का कहना है कि जब भी प्रदेश अध्यक्ष बदले जाते है तो प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग कर नए सिरे से गठन किया जाता है.

पार्टी को अपनो ने ही हराया है-

सबसे पहले कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में जिला अध्यक्षों व जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई. बैठक मेंं छतरपुर के जिलाध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा कि पार्टी को अपने ही लोगों ने हरवाया है. हम भाजपा से नहीं, कांग्रेस से हारे हैं. संगठन में नियुक्तियां हो जाती हैं प्रभारी को पता तक नहीं होता. राजस्थान में भाजपा ने पहली बार के विधायक को सीएम बना दिया. सभी को तवज्जो दी जानी चाहिए. बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहिए. टिकट की घोषणा भी जल्द की जाए तो पार्टी को इसका फायदा मिलेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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