नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मंगलवार 2 जनवरी को कहा कि एक महिला कर्मचारी अब वैवाहिक कलह की स्थिति में अपने पति के बजाय अपने बच्चे को पारिवारिक पेंशन के लिए नामांकित कर सकती है. केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 का नियम 50 सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन देने की अनुमति देता है. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने अब नियमों में संशोधन किया है और एक महिला कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन के लिए अपने पति के बजाय अपने बच्चे/बच्चों को नामांकित करने की अनुमति दी है.
बता दें कि यदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के जीवित पति या पत्नी हैं, तो पारिवारिक पेंशन सबसे पहले पति या पत्नी को दी जाती है. नियमों के अनुसार, मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी का जीवनसाथी पारिवारिक पेंशन के लिए अयोग्य हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य अपनी बारी पर पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र बनते हैं.
किसी योग्य बच्चे को पेंशन की जा सकती है हस्तांतरित
डीओपीपीडबलू सचिव वी श्रीनिवास के मुताबिक यदि कोई महिला सरकारी कर्मचारी तलाक की याचिका, घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत याचिका या भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दायर करती है, तो उसकी पारिवारिक पेंशन उसके पति के बजाय किसी योग्य बच्चे को हस्तांतरित की जा सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-IMD का दिल्ली, एमपी, यूपी में कोहरे का रेड अलर्ट, 110 फ्लाइट्स लेट, गाडिय़ां टकराईं, 8 लोगों की मौत
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