अभिमनोज. बिहार में इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है कि.... मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कब पलटी मारेंगे?
क्योंकि.... खबरों की मानें तो नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं!!
उधर, नीतीश कुमार के पलटी मारने पर जनसुराज के संस्थापक पीके, बोले तो.... प्रशांत किशोर ने बड़ी भविष्यवाणी की है कि- नीतीश कुमार राजनीति के अपने अंतिम दौर में हैं, उनका राजनीतिक पतन होने वाला है?
इतना ही नहीं, खबरों पर भरोसा करें तो.... पीके ने कहा है कि- नीतीश कुमार को जो दल अपने साथ लेगा वह खुद डूब जाएगा, नीतीश कुमार जिसके साथ जाएंगे उसे भी डूबो देंगे, चाहे वह महागठबंधन हो या एनडीए हो, नीतीश कुमार का कोई भरोसा नहीं है, वह कब दाएं हो जाएं और कब बाएं हो जाएं!
प्रशांत किशोर का तो कहना है कि- नीतीश कुमार कब पलटी मार दें, यह कहना मुश्किल है, मैंने कहा था कि नीतीश कुमार यदि महागठबंधन से लड़ेंगे तो उन्हें 5 सीटें भी नहीं आएंगी, मेरे बयान से उनके दल वाले घबरा गए हैं, उन्हें पता है कि प्रशांत किशोर ने जा कह दिया वह सच हो जाता है, इसलिए वह दाएं बाएं के फेर में पड़ गए हैं, अब सोच में पड़ गए हैं कि एनडीए में जाएं या महागठबंधन से लड़ें?
दरअसल, जेडीयू का भविष्य ही सवालिया निशान बन गया है?
जेडीयू पर नीतीश कुमार का एकाधिकार है और जेडीयू का वोट बैंक नीतीश कुमार के साथ चलता रहा है, लेकिन अब सियासी हालात बदलते नजर आ रहे हैं, इस बार पलटी मारते ही जेडीयू का वोट बैंक बिखर जाएगा, लिहाजा.... इस बार यदि इधर चला मैं उधर चला, सियासी गीत बजता रहा तो- अगले चुनाव में फिसलना तय है!
दरअसल नीतीश कुमार अनेक बार पाला बदल चुके हैं, लिहाजा उनकी सियासी गतिविधियों पर सवालिया निशान लगाना आसान है?
याद रहे.... इस वक्त लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने ही 1994 में बिहार में जनता दल पर लालू यादव के नियंत्रण की खिलाफत करके समता पार्टी बनाने के लिए जॉर्ज फर्नांडिस के साथ गठबंधन किया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले गठबंधन में साथ रही.
लेकिन.... जब 2013 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया तो, नीतीश कुमार को रास नही आया, जेडीयू, एनडीए से अलग हो गई.
यही नहीं, वर्ष 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया, परन्तु.... बाद में राजद से असहमति के कारण महागठबंधन सरकार छोड़ दी.
इसके बाद 2017 में एक बार फिर नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए के साथ आ गई.
वर्ष 2022 में अंतरात्मा की आवाज पर एक बार फिर एनडीए छोड़ दी और महागठबंधन के साथ मिलकर फिर सरकार बनाई?
क्या अब फिर नीतीश कुमार पाला बदलेंगे, इस पर वे संभवतया मौन ही रहेंगे, क्योंकि.... मौन के कारण उनकी सियासी जरूरत बढ़ रही है!
देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार क्या करेंगे?
https://www.palpalindia.com/2024/01/24/Bihar-CM-Nitish-Kumar-how-many-alliances-how-many-times-Karpoori-Thakur-Bharat-Ratna-Modi-government-news-in-hindi.html
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