मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( NCP) के विधायकों की अयोग्यता के मामले में महाराष्ट्र ने स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला सुनाया है. उन्होने विधायकों को योग्य बताते हुए उनके खिलाफ सभी याचिकाओं को भी रद्द कर दिया है. श्री नार्वेकर ने अजीत गुट को ही असली NCP बताया है. अजित पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन है.
जुलाई 2023 में शरद पवार की NCP को तोड़कर अजित पवार भाजपा सरकार के गठबंधन में शामिल हो गए थे. इसके बाद शरद गुट ने स्पीकर से पार्टी तोडऩे वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. जिसपर अजित गुट ने दावा किया था कि उनके पास 41 विधायकों का समर्थन है. उन्होंने अपने गुट को असली NCP बताया था. चुनाव आयोग ने भी अजित के गुट को ही असली एनसीपी बताया और शरद पवार गुट की पार्टी का नाम NCP शरद चंद्र पवार फाइनल किया. स्पीकार ने अपने आदेश में कहा कि शरद पवार के हिसाब से नहीं चलने का मतलब यह नहीं है कि विधायकों ने पार्टी विरोधी काम किया है. पार्टी के अंदर की नाराजगी का मतलब विधान मंडल की नाराजगी नहीं होती. पार्टी में मतभेद हुआ लेकिन विधायकों ने पार्टी नहीं छोड़ी. पार्टी संविधान के अनुसार एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है. इसमें 16 स्थायी सदस्य हैं. पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता. हमें नेतृत्व संरचनाए पार्टी संविधान व विधायकी की ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है. पार्टी संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है.
शरद पवार गुट ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है लेकिन 29 जून तक शरद पवार के अध्यक्ष पद पर कोई चैलेंज नहीं था. 30 जून को दो लोगों का अध्यक्ष पद पर दावा हुआ. 30 जून 2023 को NCP में दो गुट बने. शिवसेना को लेकर मैंने जो फैसला लिया था उसका आधार यहां लेना होगा. दोनों गुट पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर दावा कर रहे हैं. दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं हुआ है. यहां दो समानांतर नेतृत्व खड़े हो गए हैं. दोनों समूहों द्वारा अयोग्यता याचिकाएं भी दायर की गई हैं. अपना अध्यक्ष कैसे सही है इसलिए दोनों गुटों ने दस्तावेज दिए है. अध्यक्ष कौन है यह मैं तय नहीं कर सकता. प्रतिनिधि सभा के दस्तावेज शरद पवार गुट ने नहीं दिए है. अध्यक्ष पद का चयन पार्टी में संविधान के तहत नहीं हुआ. ऐसे में विधायकों के संख्या बल के आधार पर निर्णय लिया गया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को राहुल नार्वेकर को बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया था. डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट से जुड़े NCP विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका शरद पवार गुट की तरफ से दाखिल की गई थी. राहुल नार्वेकर की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में दलील दी थी कि अयोग्यता की याचिकाओं पर आदेश देने के लिए कुछ और समय लगेगा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इन दलीलों को मान लिया था. इससे पहले कोर्ट ने इस फैसले को करने के लिए स्पीकर को 31 जनवरी तक का समय दिया था.
शरद पवार गुट की 3 व अजित की 2 याचिकाएं रही-
शरद पवार गुट की तरफ से 3 व अजित पवार गुट की तरफ से 2 याचिका दायर की गई थीं. सभी 5 याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं. सुनवाई में अजित पवार गुट की तरफ से अनिल पाटिल व समीर भुजबल मौजूद रहे. जबकि शरद पवार गुट से पहले सिर्फ वकील ही आए थे. बाद में जितेंद्र आहवाड भी आ गए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र: एनसीपी-शरद चंद्र पवार होगा पवार गुट का नया नाम, राज्यसभा चुनाव में होगा इस्तेमाल
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