जन्मकुंडलीं का 9वाँ भाव न्यायाधीश/जज का होता है तो छठा भाव कोर्ट/कचहरी , मुकादमा का है साथ ही दसवाँ भाव रोजगार/कैरियर का है साथ ही गुरु बुध शनि सूर्य यह जज के कारक ग्रह है . जब कुंडली में नवे भाव(जज/न्यायाधीश) भाव के स्वामी का सम्बन्ध, छठे भाव (कोर्ट -कचहरी,मुकादमो) के भाव सहित दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी से बनेगा मतलब नवे+छठे+दसवे भाव के स्वामियों का जब आपस में सम्बन्ध बनेगा और इस संबंध पर जज/न्यायाधीश के उपरोक्त बताये ग्रहो का या उनमे से किसी का भी सम्बन्ध होगा तब व्यक्ति जज बन जायेगा.अब यह सम्बन्ध में 9वां भाव और दसवाँ भाव सामान्य बलवान होगा किसी सामान्य राजयोग में या सामान्य शुभ स्थिति में होगा तब हाई कोर्ट जज/न्यायाधीश बन पाएंगे और जब 10वे+9वे+6वे भाव या इनके स्वामियों का सम्बन्ध शुभ और बलवान स्थिति में और शुभ योगो के द्वारा होगा साथ 9वा भाव और दसवाँ भाव अतिरिक्त बलवान होगा तब सुप्रीम कोर्ट के जज तक का पद मिल जायेगा मतलब सुप्रीम कोर्ट के जज/न्यायाधीश भी बन जायेंगे.अब कैसे इस बात को और आसानी से कुछ उदाहरणों से समझते है ..
उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:-
वृष लग्न कुंडली में स्वयम 9वे और 10वे दोनों का स्वामी शनि होता है तो छठे भाव का स्वामी शुक्र होता है अब यहाँ शनि और शुक्र दोनों एक साथ हो और इनके साथ सूर्य बुध् का भी सम्बन्ध बन जाये या सूर्य बुध् का सम्बन्ध 10वे भाव से होगा तब ऐस जातक/जातिका हाई कोर्ट के जज बन जायेंगे लेकिन यही शनि का सम्बन्ध शुक्र के साथ छठे भाव में बलवान स्थिति में बने और सूर्य बुध् दसवे भाव में न बैठकर स्वयम शनि शुक्र के साथ बैठे हो जिससे प्रबल राजयोग बनेगा तब सुप्रीम कोर्ट के जज तक पहुँच जाएंगे ..
उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-
सिंह लग्न में जैसे 9वे भाव का स्वामी मंगल होता है तो दसवे भाव का स्वामी शुक्र बनता है अब शुक्र मंगल यहाँ छठे भाव में बैठे हो जिससे मंगल छठे भाव में उच्च होगा और शुक्र के साथ प्रबल राजयोग में होगा तब हाई कोर्ट के जज बन जायेंगे और सब साथ ही शुक्र मंगल के साथ यहाँ गुरु भी सम्बन्ध बन जाये टब व्यक्ति ऐसा सुप्रीम कोर्ट के जज तक पहुँचेगे मतलब सुप्रीम कोर्ट जज तक बन जायेंगे ..
उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न3:-
धनु लग्न में दसवे भाव स्वामी बुध बलवान होकर यहाँ सूर्य गुरु शुक्र से सम्बन्ध बनाकर बैठे है या बुध बलवान होकर केवल सूर्य गुरु से सम्बन्ध बनाकर बैठे है और छठा भाव और छठे भाव स्वामी शुक्र कुंडली मे मजबूत है तब जज बन जाएंगे ..
साधारण भाषा में कहूँ तो जज बनने के योग जितने ज्यादा बलवान और प्रबल राजयोग में होंगे तब सुप्रीम कोर्ट जज तक बना देंगे जबकि सामान्य बलवान राजयोग में होंगे न्यायाधीश/जज बनने के योग तब हाई कोर्ट न्यायधीश/जज बनायेगें ..
इस तरह यदि जज बनने के योग आपकी जन्मकुंडली मे है और ऐसे जातक/जातिका जज/न्यायाधीश बनने के लिए प्रयास कर रहे तो जरूर जज/न्यायाधीश बनेगे . यह सब योग यदि आपकी जन्मकुंडली मे नही है तो जज नही बन सकते .
Astro nirmal
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जन्म कुंडली से भी जाना जा सकता कि रोमांस, कैसे प्रेम विवाह में बदलेगा!
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