जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग में अंधेरगर्दी का राज है. यहां पर निचले स्तर के इंजीनियर, खासकर एडीईएन फील्ड में नियम विरुद्ध कार्य करा रहे हैं. हाल ही में एक मामला एडीईएन नरसिंहपुर के अधीन सामने आया है, जहां पर नरसिंहपुर से घाटपिंडरई के बीच स्लीपर बदलने का कार्य ठेकेदार से कराया जा रहा है, लेकिन यहां पर जो काम भारी मशीनरी से होना था, वह कार्य मैनुअल कराया जा रहा है, साथ ही वहां से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड लिमिट 20 किमी प्रति घंटा होना चाहिए, लेकिन वह 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से निकाली जा रही हैं.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए अयोध्या स्पेशल से ट्रॉली टकराने की घटना के बाद नरसिंहपुर एडीईएन का रेल कर्मचारियों को प्रताडि़त कर मानसिक दबाव में कार्य करवाने का कारनामा सामने आया है, जिसके कारण रेलवे की संरक्षा -सुरक्षा खतरे में बार-बार पड़ रही है. नरसिंहपुर घाटपिंडरई में रेलवे ट्रैक में जहां लगातार स्लीपर बदली का कार्य मशीनों के द्वारा किया जाना था, वहां श्रमिकों से ट्रैक में लगातार भारी-भारी कंक्रीट स्लीपर बदली का कार्य करवाया जा रहा है. यहां पर 20 किमी प्रतिघंटे की जगह 30 किमी प्रतिघंटे की गति प्रतिबंध के साथ गाडिय़ां निकाली जा रही हैं, यदि छोटी सी भी गलती होती है तो कार्य करवा रहे साइट रेलवे इंजीनियर्स पर पूरा ठीकरा फोड़ दिया जाता है और कार्य करवाने वाली एजेंसी जिसने करोड़ों रुपए में मशीन से स्लीपर डलवाने का टेंडर लिया है, उसे क्लीन चिट दे दी जाती है, क्योंकि वह साहब का खास है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ओल्ड पेंशन की मांग पर 1 मई से होगी रेलवे सहित सभी संस्थानों में अनिश्चितकालीन हड़ताल
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