टेक्सास. दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप को आज शाम 6.55 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया. इसे स्पेस में ले जाने के बाद हिंद महासागर में उतारा जाएगा. एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है. यह मिशन 01 घंटे 04 मिनट का है. स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट व सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली स्टारशिप कहा जाता है. इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट है. ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है. स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा.
इस टेस्ट में स्टारशिप को स्पेस में ले जाया जाएगा फिर पृथ्वी पर वापस लाकर पानी पर लैंड कराया जाएगा. इस टेस्ट में स्टारशिप के पेलोड डोर को खोला और बंद भी किया जाएगा. अपर स्टेज कोस्ट फेज के दौरान प्रोपलेंट ट्रांसफर का डेमॉन्सट्रेशन किया जाएगा. अंतरिक्ष में रहते हुए पहली बार रैप्टर इंजन को चालू किया जाएगा. स्टारशिप की कंट्रोल्ड रीएंट्री भी कराई जाएगी. इसके अलावा स्टारशिप एक नई ट्रैजेक्टरी पर फ्लाई करेगा. इसमें स्टारशिप को हिंद महासागर में उतारा जाएगा. स्पेसएक्स ने बताया कि नई फ्लाइट पाथ से हम इन.स्पेस इंजन बर्न जैसी नई तकनीक को टेस्ट कर पाएंगे. गौरतलब है कि 4 मार्च को स्टारशिप ने अपनी लॉन्च रिहर्सल पूरी की थी. स्टारशिप व सुपर हैवी पर 10 मिलियन पाउंड से अधिक प्रोपलेंट लोड किया गया था. उल्टी गिनती को भी टी-10 सेकेंड तक ले जाया गया था.
दूसरा टेस्ट: स्टेज सेपरेशन के बाद खराबी आ गई थी
स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6.30 बजे किया गया था. लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर व स्टारशिप का सेपरेशन हुआ. बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 किलोमीटर ऊपर यह फट गया. वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया. करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गईए जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा. फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया था.
स्टेज सेपरेशन में आई थी परेशानी-
स्पेस एक्स ने कहा था कि सेपरेशन स्टेज से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया जबकि यह तय नहीं था. इस तरह के एक टेस्ट के साथ हम जो सीखते हैं उससे सफलता मिलती है. आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा. टीमें डेटा को रिव्यू करना जारी रखेंगीं और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेंगीं.
स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा-
ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा. यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा. मस्क 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं. स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली ने गुजरात को हराकर लगातार दूसरे सीजन फाइनल में बनाई जगह
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