ज्योतिषी रास्ता बताता है बनाता नहीं

ज्योतिषी रास्ता बताता है बनाता नहीं

प्रेषित समय :19:13:14 PM / Tue, Mar 26th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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ज्योतिष को वेदों में नेत्र कहा गया है और नेत्र का काम सिर्फ लक्ष्य को देखना होता है, उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको पैरों की जरूरत होती है दिमाग की जरूरत होती है इच्छयाशक्ति आदि की जरूरत होती है यानी सिर्फ लक्ष्य को देख भर लेने से आप लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकते.

बहुत से जातक बहुत से अटपटे सवाल लेकर उपस्थित होते हैं अटपटे से मेरा मतलब है पहुँच से बाहर जैसे मेरे पास अपार धन संपदा कब होगी, मेरे पास बड़ा घर कब होगा आदि ऐसा नहीं है ये चीजें होना सम्भव नहीं हैं या किसी के पास हैं नहीं, लेकिन व्यक्ति कभी आत्मावलोकन नहीं करता या फिर नहीं करना चाहता, उदाहरण के तौर पर एक जातक है जो मुंबई या बेंगलुरु जैसे किसी महानगर में रहता है और वह चाहता है कि किसी पॉश इलाके में उसका अपना घर हो तो यह बहुत सोचने वाली बात है कि मुंबई या किसी बड़े महानगर में अपना फ्लैट होना ही एक बड़ी बात होती है तो ऐसे शहर में अगर वह देश काल परिस्थिति को नहीं समझ रहा है और वह घर पाना चाहता है तो यह बात जीवन भर उसे परेशान करती रहेगी और शायद ही कभी उसे इसका कोई हल मिल पाये.

एक दूसरे उदाहरण में एक बालक है जिसका पढ़ाई में मन बिल्कुल नहीं लगता और जो साल भर पढ़ाई नहीं करता लेकिन उसके माता-पिता चाहते हैं कि किसी ज्योतिषी उपाय से ना सिर्फ वो पास हो बल्कि क्लास में टॉप कर जाए, मुझे लगता है ये बहुत असम्भव सी बात है.

इस वक़्त एक सवाल जो बहुत टेंडिंग है वो है कि मुझे नौकरी करनी चाहिए या बिजनेस ? तो मुझे लगता है यह सवाल भी आत्मावलोकन का सवाल है, व्यक्ति को खुद पता होता है कि वह जॉब कर कर सकता है या व्यापार, व्यापारी की तो जो पहली विशेषता होती है वही होती है बाजार को समझकर निर्णय लेने की क्षमता, अगर एक व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता ही नहीं है की उसे नौकरी करनी है की व्यापार करना है तो वह कैसा है अच्छा व्यापारी बन सकता है?

दूसरा कुछ लोग कहते हैं किस चीज का व्यापार करना चाहिए तो जो चीज उन्हें सबसे ज्यादा चीज अच्छी लगती है जिसमें उनका इंटरेस्ट है जिसे वो कुशलता से कर सकते हैं उन्हें उस चीज का व्यापार करना चाहिए, कुशल व्यक्ति कचरा बेचकर भी करोड़ों कमा लेते हैं और जो व्यक्ति कुशल नहीं होते वो अरबों के व्यापार का भी कचरा कर देते हैं, जो जातक ज्योतिषी से पूछ रहा है कि उसे भी नौकरी करनी चाहिए कि बिजनेस करना चाहिए तो मुझे लगता है कि उसे नौकरी ही करनी चाहिए, जिसे खुद ही अपने आप पर भरोसा नहीं है तो मुझे नहीं लगता वह एक सफल बिजनेसमैन साबित हो पाएगा.

यह बात ठीक है कि ग्रह कुछ तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं साथ ही राशियों और भावों से दिशाओं का पता भी चलता है किस किस जातक को किस तरह का व्यापार करके या किस दिशा में जाकर सफलता मिलेगी, लेकिन यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति का अपना विजन क्लियर होना चाहिए. किताबों में पढ़कर स्विमिंग, क्रिकेट, बॉक्सिंग, साइकलिंग नहीं सीखी जा सकती उसी तरह बिना अभ्यास के गीत/संगीत नहीं सीखा जा सकता और बिना पढ़े पास तो हुआ जा सकता है मगर टॉप करना असम्भव है.

ज्योतिष आपकी ऊर्जा को दिशा दे सकता है आपके अंदर ऊर्जा पैदा नहीं कर सकता, अपनी ऊर्जा आपको खुद पैदा करनी होगी या खुद खोजनी होगी, पहला सवाल खुद से कीजिये आप क्या चाहते हैं फिर खुद को बताइये उसे हासिल करने के लिए क्या कर रहे हैं या क्या करेंगे फिर भी सफलता ना मिले तो ज्योतिषी के पास जाइये

आइरीन एडलर

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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