#SheetalaAshtami आज का दिनः मंगलवार, 2 अप्रैल 2024, गुस्सा बहुत ज्यादा आता है तो शीतला माता की पूजा करें!

#SheetalaAshtami आज का दिनः मंगलवार, 2 अप्रैल 2024, गुस्सा बहुत ज्यादा आता है तो शीतला माता की पूजा करें!

प्रेषित समय :21:54:05 PM / Mon, Apr 1st, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688)
* शीतला अष्टमी - मंगलवार, 2 अप्रैल 2024 को
* शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त - 06:31 से 18:53
* अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 1 अप्रैल  2024 को 21:09 बजे
* अष्टमी तिथि समाप्त - 2 अप्रैल 2024 को 20:08 बजे

* जिन्हें अग्रिभय है, गुस्सा बहुत ज्यादा आता है, गर्मी बहुत लगती है, शरीर में अक्सर जलन महसूस होती है, सूर्य-मंगल जैसे ग्रह अकारक हैं, उन्हें तन, मन और जीवन की शीतलता के लिए शीतला माता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए!
* शीतला सप्तमी/अष्टमी गर्मी के आगमन का संदेश लेकर आती है कि... यह आखिरी दिन है ठंडा खाना खाने का, इसके बाद गर्मी के मौसम में ठंडा और बासी खाना खाया तो नुकसान होगा!
* शीतला माता की पूजा सभी क्षेत्रों में होती है, दिन अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन प्रमुख उद्देश्य- तपते जीवन में शीतलता के आशीर्वाद की चाहत है, माता के प्रकोप से राहत है, घर-परिवार की सुख-शांति की मनोकामना है.
* शीतला माता का मंदिर अक्सर वटवृक्ष के पास ही होता है इसीलिए शीतला माता की पूजा के बाद वट का पूजन भी किया जाता है.
* माना जाता है कि सच्चे मन से देवी शीतला की पूजा-व्रत से देवी धन-धान्य से पूर्ण कर प्राकृतिक आपदाओं से दूर रखती हैं. 
* व्रत से एक दिन पहले भोजन तैयार किया जाता है तथा व्रत के दिन शीतला माता की पूजा और प्रसाद के बाद ठंडा भोजन ही ग्रहण किया जाता है, इस दिन घर में ताजा भोजन नहीं बनाया जाता और न ही चूल्हा जलाया जाता है.
शीतला चालीसा
॥ दोहा ॥
जय-जय माता शीतला,तुमहिं धरै जो ध्यान.
होय विमल शीतल हृदय,विकसै बुद्धि बलज्ञान॥
॥ चौपाई ॥
जय-जय-जय शीतला भवानी.जय जग जननि सकल गुणखानी॥
गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित.पूरण शरदचन्द्र समसाजित॥
विस्फोटक से जलत शरीरा.शीतल करत हरत सब पीरा॥
मातु शीतला तव शुभनामा.सबके गाढ़े आवहिं कामा॥
शोकहरी शंकरी भवानी.बाल-प्राणरक्षी सुख दानी॥
शुचि मार्जनी कलश करराजै.मस्तक तेज सूर्य समराजै॥
चौसठ योगिन संग में गावैं.वीणा ताल मृदंग बजावै॥
नृत्य नाथ भैरो दिखरावैं.सहज शेष शिव पार ना पावैं॥
धन्य-धन्य धात्री महारानी.सुरनर मुनि तब सुयश बखानी॥
ज्वाला रूप महा बलकारी.दैत्य एक विस्फोटक भारी॥
घर-घर प्रविशत कोई न रक्षत.रोग रूप धरि बालक भक्षत॥
हाहाकार मच्यो जगभारी.सक्यो न जब संकट टारी॥
तब मैया धरि अद्भुत रूपा.करमें लिये मार्जनी सूपा॥
विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्ह्यो.मुसल प्रहार बहुविधि कीन्ह्यो॥
बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा.मैया नहीं भल मैं कछु चीन्हा॥
अबनहिं मातु, काहुगृह जइहौं.जहँ अपवित्र सकल दुःख हरिहौं॥
भभकत तन, शीतल ह्वै जइहैं.विस्फोटक भयघोर नसइहैं॥
श्री शीतलहिं भजे कल्याना.वचन सत्य भाषे भगवाना॥
विस्फोटक भय जिहि गृह भाई.भजै देवि कहँ यही उपाई॥
कलश शीतला का सजवावै.द्विज से विधिवत पाठ करावै॥
तुम्हीं शीतला, जग की माता.तुम्हीं पिता जग की सुखदाता॥
तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी.नमो नमामि शीतले देवी॥
नमो सुक्खकरणी दुःखहरणी.नमो-नमो जगतारणि तरणी॥
नमो-नमो त्रैलोक्य वन्दिनी.दुखदारिद्रादिक कन्दिनी॥
श्री शीतला, शेढ़ला, महला.रुणलीह्युणनी मातु मंदला॥
हो तुम दिगम्बर तनुधारी.शोभित पंचनाम असवारी॥
रासभ, खर बैशाख सुनन्दन.गर्दभ दुर्वाकंद निकन्दन॥
सुमिरत संग शीतला माई.जाहि सकल दुख दूर पराई॥
गलका, गलगन्डादि जुहोई.ताकर मंत्र न औषधि कोई॥
एक मातु जी का आराधन.और नहिं कोई है साधन॥
निश्चय मातु शरण जो आवै.निर्भय मन इच्छित फल पावै॥
कोढ़ी, निर्मल काया धारै.अन्धा, दृग-निज दृष्टि निहारै॥
वन्ध्या नारि पुत्र को पावै.जन्म दरिद्र धनी होई जावै॥
मातु शीतला के गुण गावत.लखा मूक को छन्द बनावत॥
यामे कोई करै जनि शंका.जग मे मैया का ही डंका॥
भनत रामसुन्दर प्रभुदासा.तट प्रयाग से पूरब पासा॥
पुरी तिवारी मोर निवासा.ककरा गंगा तट दुर्वासा॥
अब विलम्ब मैं तोहि पुकारत.मातु कृपा कौ बाट निहारत॥
पड़ा क्षर तव आस लगाई.रक्षा करहु शीतला माई॥
॥ दोहा ॥
घट-घट वासी शीतला,शीतल प्रभा तुम्हार.
शीतल छइयां में झुलई,मइया पलना डार॥
॥ श्री शीतला माता की आरती ॥
जय शीतला माता,मैया जय शीतला माता.
आदि ज्योति महारानीसब फल की दाता॥
ॐ जय शीतला माता....
रतन सिंहासन शोभित,श्वेत छत्र भाता.
ऋद्धि-सिद्धि चँवर डोलावें,जगमग छवि छाता॥
ॐ जय शीतला माता....
विष्णु सेवत ठाढ़े,सेवें शिव धाता.
वेद पुराण वरणतपार नहीं पाता॥
ॐ जय शीतला माता....
इन्द्र मृदङ्ग बजावतचन्द्र वीणा हाथा.
सूरज ताल बजावैनारद मुनि गाता॥
ॐ जय शीतला माता....
घण्टा शङ्ख शहनाईबाजै मन भाता.
करै भक्त जन आरतीलखि लखि हर्षाता॥
ॐ जय शीतला माता....
ब्रह्म रूप वरदानीतुही तीन काल ज्ञाता.
भक्तन को सुख देतीमातु पिता भ्राता॥
ॐ जय शीतला माता....
जो जन ध्यान लगावेप्रेम शक्ति पाता.
सकल मनोरथ पावेभवनिधि तर जाता॥
ॐ जय शीतला माता....
रोगों से जो पीड़ित कोईशरण तेरी आता.
कोढ़ी पावे निर्मल कायाअन्ध नेत्र पाता॥
ॐ जय शीतला माता....
बांझ पुत्र को पावेदारिद्र कट जाता.
ताको भजै जो नाहींसिर धुनि पछताता॥
ॐ जय शीतला माता....
शीतल करती जन कीतू ही है जग त्राता.
उत्पत्ति बाला बिनाशनतू सब की माता॥
ॐ जय शीतला माता....
दास नारायणकर जोरी माता.
भक्ति आपनी दीजैऔर न कुछ माता॥
ॐ जय शीतला माता....
सिद्धिविनायक पंचांग, मुंबई 2 अप्रैल 2024
* तिथि अष्टमी - 20:12 तक, नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा - 22:50 तक, करण बालव - 08:47 तक, कौलव - 20:12 तक, पक्ष कृष्ण, योग परिघ - 18:35 तक, वार मंगलवार
* चन्द्र राशि धनु - 28:38 तक, चन्द्रोदय 26:14, चन्द्रास्त 12:18
* शक सम्वत 1945, विक्रम सम्वत 2081
* मास पूर्णिमांत चैत्र, मास अमांत फाल्गुन
* राहुकाल 15:48 से 17:20 तक
* शुभ मुहूर्त अभिजीत 12:18 से 13:06 तक

* दिशाशूल उत्तर
* ताराबल - अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
* चन्द्रबल - मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन
मंगलवार चौघडिय़ा - 2 अप्रैल 2024
* दिन का चौघड़िया
रोग - 06:31 से 08:04
उद्वेग - 08:04 से 09:37
चर - 09:37 से 11:09
लाभ - 11:09 से 12:42
अमृत - 12:42 से 14:15
काल - 14:15 से 15:47
शुभ - 15:47 से 17:20
रोग - 17:20 से 18:53
* रात्रि का चौघड़िया
काल - 18:53 से 20:20
लाभ - 20:20 से 21:47
उद्वेग - 21:47 से 23:14
शुभ - 23:14 से 00:42
अमृत - 00:42 से 02:09
चर - 02:09 से 03:36
रोग - 03:36 से 05:03
काल - 05:03 से 06:31
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा मुंबई का समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- जो भी करें, दिल से करें,जलने वालों को जलने दें. धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी. लोगों से प्रोत्साहन मिलेगा. पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे. मित्रों के साथ समय व्यतीत होगा. बुरी संगत छोड़ दें, अन्यथा नुकसान होगा.

वृष राशि:- कार्यस्थल पर जो लोग आप को पसंद नहीं करते थे, वे आप के कार्यों की तारीफ़ करेंगे. कार्य पूर्ण करने के लिए किसी की मदद लेना होगी. बिना पूछे अपनी राय न दें.

मिथुन राशि:- तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, बेहतर होगा कहीं घुमने चले जायें. आप के अपनों को आप की जरूरत है. मोज-मस्ती पर खर्च होगा. पिता के व्यवहार में परिवर्तन से चिंतित रहेंगे.

कर्क राशि:- अकारण किसी विवाद में फंस सकते हैं. मानसिकता को बदलने की बहुद जरूरत है. उन्नति में बाधा आयेगी. कोई खुशखबरी सुन सकते हैं. यात्रा सुखद रहेगी.

सिंह राशि:- नौकरी बदलने का मन   बना चुके हैं. किसी की सिफारिश से कार्य हो सकता हैं. संचित धन का निवेश लाभप्रद रहेगा. किसी के बहकावे में आने से रिश्ते कमजोर होंगे. संतान सुख की प्राप्ति संभव है.

कन्या राशि:- दिन की शुरुआत में मन उदास रहेगा. किसी विषय को समझने की जिज्ञासा रहेगी. अपने अधिनस्तों के किये कार्यों की सराहना करें, लाभ होगा.

तुला राशि:- विवादित मामलों में विजय प्राप्त होगी. कुछ नया सिखने को मिलेगा. जिंदगी से जुड़ी निजी बातें आज सामने आ सकती है. नौकरी में उत्साह की कमी रहेगी.

वृश्चिक राशि:- प्रतियोगिता में सफल होंगे. जीवन साथी के साथ मतभेद संभव है. अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहें. मनचाहा जवाब न मिलने से निराश रहेंगे.

धनु राशि:- नकारात्मक सोच बनेगी. स्वयं अपने आप पर से नियंत्रण खो देंगे. मित्रों से मतभेद हो सकते है. कार्यस्थल पर जनहानि के योग हैं. इष्टबल मजबूत करें.

मकर राशि:- अपने प्रोफेशन से आप न खुश हैं, समय के साथ स्थिति आप के अनुकूल बनेगी. जीवनसाथी का व्यवहार मनोबल बढ़ायेगा. कर्ज लेने की स्थिति निर्मित हो सकती है.

कुम्भ राशि:- जरूरत मंद लोगों की मदद करें. मांगलिक कार्यक्रमों की रूप रेखा बनेगी. राजनेतिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे. पैसों का लेन देन संभव है. खान-पान पर ध्यान दें. स्वास्थ बिगड़ सकता है.

मीन राशि:- घरेलू कार्यों में व्यस्त रहेंगे. विद्यार्थी परिणामों को लेकर चिंतित रहेंगे. मेहमानों का आगमान हो सकता है. जमीन जायदाद के मसले निपटेंगे. धन कमाने की चाह में कोई गलत फैसले न लें.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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