ज्योतिष शास्त्र अनुसार किस उम्र में चमकेगी आपकी किस्मत

ज्योतिष शास्त्र अनुसार किस उम्र में चमकेगी आपकी किस्मत

प्रेषित समय :21:59:28 PM / Mon, Apr 1st, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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आज की व्यस्त दुनिया में लोग सफलता के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. हर कोई चाहता है कि उसकी मेहनत रंग लाए, मान सम्मान, धन और समृद्धि मिले, उसकी मनोकामना पूरी हो और जीवन में किसी चीज की कमी न हो. साथ ही, लोग चाहते हैं कि जीवन में कोई दुख न हो और हर कदम पर भाग्य का साथ मिले.

हम अक्सर अपने आस-पास ऐसे लोगों को देखते हैं जो जीवन भर कड़ी मेहनत करते हैं. इसके बावजूद उन्हें संघर्ष का सामना करना पड़ता है. छोटी-छोटी ख्वाहिशें भी पूरी नहीं कर पाते. इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कम मेहनत के बावजूद अपने सपनों और इच्छाओं को आसानी से पूरा कर लेते हैं. ऐसा लगता है कि भगवान स्वयं उनके लिए हैं. दोनों ही स्थितियों में एक चीज है जो जीवन में सफलता या असफलता की ओर ले जाती है, वह है उनकी कुंडली में 9 ग्रहों की स्थिति का प्रभाव.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी 12 भाव जातक को विभिन्न फल देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन कुंडली का नवम भाव व्यक्ति के भाग्य के बारे में बहुत कुछ बता सकता है, क्योंकि नवम भाव भाग्य का भाव होता है. तो, नौवें घर में मौजूद ग्रह और इस घर को देखने वाले ग्रह किसी व्यक्ति के भाग्य के समय और अवधि के बारे में बता सकते हैं. इस भाव पर कुछ ग्रहों का प्रभाव कुछ जातकों को कम उम्र से ही अनुकूल भाग्य देने का काम करता है, जबकि कुछ ग्रह 35 वर्ष की आयु के बाद कुछ जातकों के भाग्य में चमकते हैं

नवम भाव में चमकेगा आपका भाग्य:-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस भाव में नवम भाव का स्वामी स्थित हो उसे देखने से ही जातक का भाग्य प्रभावित होता है. वहीं नवम भाव में स्थित ग्रह व्यक्ति के लिए धन, सुख और समृद्धि की अवधि की गणना के लिए जिम्मेदार होते हैं. यह स्पष्ट रूप से बता सकता है कि ‘किसी व्यक्ति की किस्मत कब चमकेगी’ . आइए बिना देर किए जानें कि कौन सी स्थितियां निश्चित रूप से आपकी किस्मत चमकाती हैं.

आपकी किस्मत कब चमकेगी?

ज्योतिषियों के अनुसार जब बृहस्पति नवम भाव यानि किसी कुंडली के भाग्य भाव में स्थित हो तो यह स्थिति जातक के भाग्य को मात्र 16 वर्ष की आयु में ही चमका देती है.

यदि किसी कुंडली में सभी ग्रहों का राजा सूर्य नवम भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक का भाग्य 22 वर्ष की आयु में चमकता है.

जब चंद्रमा नवम भाव में होता है तो 24 वर्ष की आयु में भाग्य चमकाता है.

जन्म कुंडली के नवम भाव में शुक्र की उपस्थिति का अर्थ है कि 25 वर्ष की आयु में भाग्य चमकेगा.

नवम भाव में स्थित मंगल का अर्थ है कि 28 वर्ष की आयु में जातक के लिए सौभाग्य की संभावना बढ़ जाएगी.

नवम भाव में स्थित बुध 32 वर्ष की आयु में अनुकूल भाग्य का संकेत देता है.

यदि कर्म का कारक शनि नवम भाव में स्थित हो तो 36 वर्ष की आयु में भाग्य लाता है.

जबकि नवम भाव में छाया ग्रह राहु और/या केतु की उपस्थिति 42 वर्ष की आयु में व्यक्ति के लिए सौभाग्य की संभावना लेकर आती है.

इन स्थितियों में भी चमकता है व्यक्ति का भाग्य:-

जब किसी कुंडली में कर्म, शनि या गुरु वक्री होकर नवम भाव में स्थित हो तो इस गति के दौरान ये ग्रह जातक के भाग्य को चमकाते हैं और शुभ फल देते हैं.

जब किसी कुंडली में अधिकतर ग्रह तीसरे या दशम भाव में होते हैं तो ऐसे जातक भाग्यशाली भी माने जाते हैं. क्योंकि ऐसे जातक जीवन में जल्दी सफलता प्राप्त कर लेते हैं.
यदि किसी कुंडली में शनि के अगले भाव में बृहस्पति मौजूद हो तो यह स्थिति व्यक्ति को 21 या 22 वर्ष की कम उम्र में ही आत्म निर्भर बना देती है और आर्थिक अवसरों के द्वार खोल देती है.

यदि किसी कुण्डली में गुरु मेष राशि में, मंगल अपनी उच्च राशि मकर राशि में तथा शुक्र धनु राशि में नवम भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक अपने करियर में महान ऊंचाइयों को प्राप्त करता है. ऐसे लोगों को जीवन में कभी भी सुख की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है.

यदि सूर्य और चन्द्रमा कर्क यानि कुंडली के चौथे भाव में हों, शुक्र वृश्चिक यानि अष्टम भाव में हो और मंगल कुम्भ यानि एकादश भाव में हो, कोई भी लग्न हो तो ऐसे जातक सुख की प्राप्ति करते हैं. जीवन के हर पहलू में सफलता.

भाग्य चमकाने के उपाय:-

अपनी किस्मत को मजबूत करने के लिए सबसे पहले देखें कि आपकी कुंडली के नवम भाव में कौन से ग्रह मौजूद हैं और फिर आपको उन ग्रहों को मजबूत करने के उपाय करने चाहिए. ऐसा करने से आपके सौभाग्य की राह में आने वाली बाधाएं काफी हद तक दूर हो जाएंगी.

आपकी कुंडली में देखें कि नवम भाव में बैठे ग्रह शुभ या अशुभ ग्रहों की श्रेणी में आते हैं या नहीं. यदि वह ग्रह शुभ ग्रह है तो उसे मजबूत करने के उपाय अवश्य करें. लेकिन यदि ग्रह पाप ग्रह की श्रेणी में हो तो उसे शांत करने के उपाय करें. ज्योतिष के अनुसार , चंद्र, बुध, बृहस्पति और शुक्र चार शुभ ग्रह हैं, जबकि सूर्य, मंगल, , शनि, राहु, केतु को अशुभ ग्रह माना जाता है.
लेकिन ग्रह शुभ और अशुभ से कोई मतलब नहीं होता हैँ. ग्रहों का संबंध अच्छा होना चाहिए?

अपने भाग्य को चमकाने के लिए, प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को जल दे,
अपने बड़ों और माता-पिता को कभी चोट न पहुंचाएं. बल्कि रोज सुबह उठकर माता-पिता, अन्य बड़ों और शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. ऐसा करने से आपको जल्द ही सौभाग्य की प्राप्ति होगी.
समय-समय पर धार्मिक स्थलों पर जरूरतमंदों, विकलांगों, गौशालाओं, अनाथालयों आदि में दान-पुण्य करने से भी आपके भाग्य में वृद्धि होगी. भूल से भी सूर्यास्त के बाद किसी को उधार लेने और उधार देने से बचें. नहीं तो आपको भाग्योदय होने में समय लग सकता है.

किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया जी से सीधे संपर्क करें सम्पर्क सूत्र:- 7879372913
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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