कोई वास्तु पुरुष का विचार करता है तो कोई सर्प का विचार करता है, जिसका साक्षात अनुभव करना सम्भव नहीं है, परन्तु वास्तु पुरुष विद्यमान है और उसका शीर्ष ईशान में है, ये हम लोग यदा-कदा अनुभव करते रहते हैं. इसलिये मेरा मानना है कि शिलान्यास/भूमि पूजन/वास्तु पूजा हमेशा ईशान में ही विधिवत करना चाहिये, उसके बाद ही निर्माण कार्य को आगे बढ़ाना चाहिये.
ये मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है. अन्य लोगों के विचार भिन्न हो सकते हैं, परन्तु मेरा मानना है कि एक वास्तुविद के रूप में हमारी बात में कुछ लॉजिक अवश्य होना चाहिये, जिससे हम अपने क्लाइंट को भी विश्वास दिला सकें, जिससे वह जो भी कराये, वह पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ कराये.
कई लोग नीव के समय सर्प वाला कॉन्सेप्ट से या एक और ये सूर्य से भी अलग अलग जगह नीव रखते है जैसे
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य सिंह, कन्या या तुला राशि में हो तो आग्नेय कोण में नींव खोदना चाहिए.
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य वृश्चिक, धनु या मकर राशि में हो तो ईशान कोण में नींव खोदना चाहिए.
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य कुंभ, मीन या मेष राशि में हो तो वायव्य कोण में नींव खोदना चाहिए.
ऐसा भी मानना है अब अलग अलग राज्यों प्रांतों या शहर में लोग प्रचलन जिस प्रकार रहा है वो वैसे संतुष्ट होते है संतुष्टि सर्वोपरि है मत मतांतर अपनी जगह है.
Astro nirmal
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-वास्तु शास्त्र के अनुसार बांसुरी रखने से बेरोजगारी की समस्या भी दूर हो जाती
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