शिवनंदी नाड़ी ज्योतिष! भारतीय ऋषियों को हजारों साल पहले पता था कि मुस्लिम धर्म भी होगा?

शिवनंदी नाड़ी ज्योतिष! भारतीय ऋषियों को हजारों साल पहले पता था कि मुस्लिम धर्म भी होगा?

प्रेषित समय :16:55:14 PM / Mon, Jun 3rd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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प्रदीप द्विवेदी (व्हाट्सएप- 6367472963). दुनिया के हर असली धर्म का उद्देश्य मानव कल्याण है, इसलिए किसी भी धर्म के बारे में धारणा उसे माननेवालों के व्यक्तिगत विचार, व्यवहार और कार्यशैली के आधार पर नहीं करना चाहिए!
भारतीय ऋषियों को हजारों साल पहले पता था कि मुस्लिम धर्म भी होगा?
यह पता चलता है- अगस्त्य ऋषि शिवनंदी नाड़ी ज्योतिष से, हजारों साल पहले मूल तमिल में लिखे भविष्यफल में धरती पर जन्म लेनेवाले प्राणियों का भूत, भविष्य और वर्तमान इन ताड़पत्रों पर दर्ज है!
यदि सही ताड़पत्र मिल जाता है, तो उसमें उस व्यक्ति के इस जन्म का नाम, माता-पिता के नाम, भाई-बहन की जानकारी सहित अनेक ऐसे तथ्य होते हैं, जो यह बताते हैं कि यह ताड़पत्र उसका है और फिर उसे अपने जीवन की पूरी कहानी मिल जाती है?
वर्ष 2003 में मैंने पहली बार सूरत में अपना ताड़पत्र प्राप्त किया था, उसमें मेरे और मेरे परिवार की संपूर्ण जानकारी के साथ-साथ मेरे जीवन की कहानी दर्ज है!
महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय ऋषियों को हजारों साल पहले पता था कि मुस्लिम धर्म भी होगा, जब कोई अन्य धर्म का व्यक्ति अपनी पट्टी सुनता है, तो उसमें उसका, उसके माता-पिता का वर्तमान नाम आता है, यह भी आता है कि वह अन्य धर्म से है, मतलब.... हजारो साल पहले अगस्त्य ऋषि ने अन्य धर्म के व्यक्तियों की भी जानकारी दर्ज कर दी थी!
कैसे जाने अपने बारे में?
1. शिवनंदी नाड़ी ज्योतिष से अपने बारे में जानने के लिए कोई जानकारी नहीं देनी होती है, केवल अंगूठे की छाप देनी होती है.
2. अंगूठे की छाप के आधार पर ताड़पत्रों का बंडल देखा जाता है.
3. जब बंडल मिल जाता है, तो उसमें से उस व्यक्ति की पट्टी तलाशने के लिए कुछ सवाल पूछे जाते हैं.
4. इन सवालों के जवाब में कोई जानकारी अपनी ओर से नहीं देनी होती है, केवल हां या ना में जवाब देना होता है.
5. जिस ताड़पत्र में सारे सवालों के जवाब हां में मिल जाते हैं, वही उस व्यक्ति की पट्टी होती है.
6. पट्टी मिल जाने के बाद उस व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी देनेवाली पट्टी को पढ़ कर सुनाते हैं.
7. पहले मूल तमिल में ताड़पत्र पढ़ते हैं, उसके बाद हिन्दी में उसका अर्थ-भावार्थ बताया जाता है.
* विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप- 6367472963 करें!

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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