पहले मास में बालक के दांत निकल आएं तो बालक स्वयं अपने लिए कष्टकारी होता है. उसके दूसरे मास में दांत आएं तो भाई के लिए, तीसरे मास में आएं तो बहन के लिए, चौथे मास में निकल आएं तो माता के लिए कष्टकारी होता है. सातवें मास में दांत निकाले तो पिता के लिए सुखदायक होता है. आठवें मास में दांत निकाले तो देह के लिए अच्छा होता है. यानि शरीर अच्छा होता है. नवें मास में बालक दांत निकाले तो धन की प्राप्ति होती है. दसवें मास में दांत निकालने पर घर में समृद्ध् िआती है. 11 वे मास में दांत निकाले तो बहुत ही भाग्यशाली होता है. 12वे मास में दांत निकाले तो बहुत ही धन की प्राप्ति होती है. यदि बालक गर्भ से ही दांत निकाल कर पैदा हो तो माता-पिता के सुख से विहीन हो सकता है. बालक ऊपर की पंक्ति में दांत निकाले तो माता-पिता व नानके पक्ष के लिए हानिकारक होता है. अशुभ महीनों में बालक दांत निकाले तो पूजा-अर्चना करनी पड़ती है.
बालक के जन्म दिन 10, 12,16, 22,32 वें दिन बालक को आरामदेह झूले में सुलाना चहिए. झूले में डालने से पूर्व शुभ तिथि वार, नक्षत्र, शुभ तिथि योग आदि का विचार कर लेना चाहिए. झूले में माता, दादी, दादा के द्वारा भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए बच्चे का सिर पूर्व की ओर रखकर शिशु को सुलाना चाहिए.
शुभ तिथियां हैं-1(कृतिका), 2,3,5,7,10,11,13, (शुक्ल पक्ष) व पूर्णिमा.
शुभवार हैं-सोम, बुध, गुरु एवम शुक्रवार.
ग्राह्य नक्षत्र- अश्विनी, रोहिणी, मृग.,पुनवसु, तीनों उत्तरा, हस्त, चित्रा तथा अनुराधा.
निष्क्रमण मुहूत्र्त- जन्म से 3,4 मासों में निम्नलिखित शुभ योगों में बालक को प्रथम बार घर से बाहर निकालना हितकर होता है. यदि आवश्यक हो तो 12 वें दिन भी निकाला जा सकता है.
शुभ तिथियां हैं-2,3,4,7,10,11,12 (शुक्लपक्ष) एवम 15.
शुभवार- सोम,बुध,गुरु, तथा शुक्र.
शुभ नक्षत्र - अश्विन, मृग, पुन, पुष्य, हस्त, अनु, श्रवण व धनिष्ठा.
शुभ लगन-2,3,4,5,6,7,9,10,11 राशि लगन.
माता,दादी आदि परिजन बालक या बालिका को स्नानादि करवा कर वस्त्रादि से अलंकृत करें तथा पुण्यहवाचन, शंख और मंगल मंत्रों से एवम गीत वाद्य सहित ध्वनि के साथ उसे मंदिर ले जाकर माथा टेकावें. मंदिर की परिक्रमा करके उसे वापस ले आवें. बालक को सूर्य दर्शन तथा चंद्र दर्शन करवाना चाहिए.
बच्चे का दांत आराम से निकले इसके लिए घरेलु टोटके- छोटे बच्चों के दांत अक्सर जन्म से 2 माह के बाद से निकलने शुरु हो जाते हैं . कईयों के 6 माह में और कइयों के 12 माह में निकलते हैं. जैसे ही बच्चा दांत निकालना शुरु करता है तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है. उसके पेट में दर्द होना शुरु हो जाता है और वह बार-बार रोता है . उसका सिर भारा व गर्म रहने लगता है और बुखार भी आ जाता है.
माता-पिता को समझ नहीं आता कि बच्चे को क्या हो रहा है. बच्चे को पेट में दर्द भी होता है और मसूड़े सख्त हो जाते हैं. इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. इसके लिए हम आपको घरेलु नुक्से बताएंगे जिससे बच्चा आराम से दांत निकाल लेगा.
* एक चम्मच अजवायन, 5 लौंग, एक बड़ी इलाइची, 5 मुनक्के, एक छोटी इलाइची, 10 चम्मच शहद को एक लीटर पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए. इसके बाद इसे छान कर रख लें और ठंडा होने पर बच्चे को आधा चम्मच सुबह शाम को पिलाएं.
* उंगली में शहद या नारीयल का तेल लगाकर बच्चे के मसूड़ों की ऊपर से हल्की-हल्की सुबह शाम को करें मालिश करें, सिर की सरसों के तेल से हल्की मालिश करें.
* नीम की लकड़ी से बना गुटका जो इतना बड़ा हो बच्चा मुंह में डाल सके लेकिन निगल न सके. बच्चे को चबाने के लिए दे सकते हैं. इससे मसूड़े नर्म हो जाते हैं.
*बाजार से ग्राइपवाटर की शीशी ला कर एक-एक पिला सकते हैं.
*होम्योपैथी की दवा कैल्केरिया फॉस 2 गोली सुबह, 2 गोली शाम को दे सकते हैं. इससे बच्चा आराम से दांत निकाल लेता है.
*डाबर की रस पिपरी, डाबर जन्म घुंटी को भी दिया जा सकता है.
नोट- कृपया ये सभी उपाय अलग-अलग ही करें एक साथ नहीं.
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