पीएम नरेंद्र मोदी का बना मंदिर, रोजाना भगवान मानकर की जाती है पूजा, जानिए क्यों

पीएम नरेंद्र मोदी का बना मंदिर, रोजाना भगवान मानकर की जाती है पूजा, जानिए क्यों

प्रेषित समय :17:50:50 PM / Fri, Jul 19th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. तमिलनाडु के पेरम्बलुर जिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाया गया है. इस मंदिर में पीएम नरेंद्र की प्रतिमा को भगवान मानकर रोजाना पूजा की जाती है. इस मंदिर को शंकर नामक एक किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया है. येरकुडी गांव के रहने वाले शंकर ने कुछ पैसे बचाकर और बैंक से लोन लेकर 1.25 लाख रुपये की लागत इस पीएम नरेंद्र मोदी के सम्मान में ये मंदिर बनवाया है. शंकर हर रोज सुबह मंदिर में पूजा-अर्चना भी करते हैं. शंकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं से बहुत प्रभावित हैं.

कौन हैं पीएम मोदी का मंदिर बनवाने वाले किसान शंकर

शंकर, तमिलनाडु के पेरम्बलुर जिले के येरकुडी गांव के रहने वाले हैं. शंकर पीएम मोदी की कृषि योजनाओं से बहुत प्रभावित हैं. उनका मानना है कि इन पहलों ने उनकी खेती के तौर-तरीकों और समग्र आजीविका में काफी सुधार किया है.  रिपोर्ट के मुताबिक, शंकर कई साल दुबई में भी रह चुके हैं. वह कुछ साल पहले ही अपने गृहनगर लौट आए और यहां खेती-बाड़ी में लग गए हैं.

शंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से उनके जैसे किसानों को काफी लाभ मिला है. उन्होंने कहा, मोदी द्वारा शुरू की गई विभिन्न कृषि नीतियों के कारण मेरी आय में सुधार हुआ है. कई किसान भी इसी तरह की भावना रखते हैं, जिन्होंने इसी तरह के सकारात्मक बदलावों का अनुभव किया है.

मंदिर में मोदी की मूर्तियों के साथ-साथ शंकर और उनके परिवार द्वारा प्रतिदिन पूजे जाने वाले देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं. उन्होंने अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा, मैं मोदी की दूरदर्शिता और देश के प्रति समर्पण की प्रशंसा करता हूं. यह मंदिर सम्मान दिखाने का मेरा तरीका है. शंकर का समर्पण सिर्फ मंदिर निर्माण तक ही सीमित नहीं है. वे इसके रखरखाव के लिए सालाना 10,000 रुपये दान करते हैं. इसके अलावा, वे स्थानीय कृषि विकास परियोजनाओं के लिए हर महीने 1,000 रुपये का योगदान देते हैं. मोदी का मंदिर बनने से स्थानीय समुदाय पर पड़ा असर यह मंदिर ग्रामीणों के लिए एक केंद्र बिंदु बन गया है जो प्रतिदिन प्रार्थना और कृषि उन्नति के बारे में चर्चा के लिए इक_ा होते हैं. इसे एक पूजा स्थल और सामुदायिक केंद्र दोनों के रूप देखा जाता है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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