सावन माह में 72 साल बाद 6 दुर्लभ योग संयोग

सावन माह में 72 साल बाद 6 दुर्लभ योग संयोग

प्रेषित समय :20:08:12 PM / Mon, Jul 22nd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
Whatsapp Channel

भगवान शिवजी का सावन माह 22 जुलाई से प्रारंभ होकर 19 अगस्त 2024 को समाप्त हो रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार 72 साल बाद श्रावण मास बहुत ही शुभ योग में प्रारंभ हो रहा है. इस बार श्रावण में 5 सोमवार रहेंगे. प्रस्तुत है सभी सोमवार की तारीख और शुभ मुहूर्त के साथ ही दुर्लभ योग-संयोग.
सोमवार 22 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है श्रावण मास-
22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा सावन का महीना.
72 साल 06 दुर्लभ योग संयोग.
पांच सोमवार का रहेगा सावन मास.
22 जुलाई 2024 के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त-
प्रात: 04.15 से 04.56 तक.
प्रातः संध्या-
प्रात: 04.35 से 05.37 तक.
अभिजीत मुहूर्त-
दोपहर 12.00 से 12.55 तक.
अमृत काल-
दोपहर 12.46 से 02.14 तक.
विजय मुहूर्त-
दोपहर 02.44 से 03.39 तक.
आयुष्मान योग-
रात 08 बजकर 50 मिनट से अगले दिन तक.
22 जुलाई 2024 के दुर्लभ योग संयोग-
सोमवार का संयोग-
श्रावण मास इस बार सोमवार से ही प्रारंभ हो रहा है. यह शिवजी का ही वार है.
प्रीति योग-
प्रीति योग सदा मंगल करने वाला और भाग्य को बढ़ाने वाला होता है. इस योग में सभी कार्य पूर्ण होते हैं.
आयुष्मान योग-
सावन के पहले सोमवार को यह योग रहेगा. इस योग में किया गया कार्य लंबे समय तक शुभ फलदायक होता है या जीवन भर सुख देने वाला होता है.
नवम पंचम योग-
चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहेंगे, जिसके चलते नवम पंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस योग में शिव पूजा करने से कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर होते हैं.
शश राजयोग-
इस दिन शनिदेव अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे जिसके चलते शश नामक राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस योग में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से शनि दोष दूर होते हैं.
*सर्वार्थ सिद्धि योग-*
सावन के पहले सोमवार को सर्वार्थ सिद्ध नामक शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है. इस योग में शिव पूजा या अन्य कोई कार्य करने से वह सफल और सिद्ध होता है.
सावन सोमवार की तारीखें-
पहला सावन सोमवार व्रत- 22 जुलाई को .
दूसरा सावन सोमवार व्रत- 29 जुलाई को रहेगा.
तीसरा सावन सोमवार व्रत- 05 अगस्त को रहेगा.
चौथा सावन सोमवार व्रत- 12 अगस्त को रहेगा.
पांचवां सावन सोमवार व्रत- 19 अगस्त को रहेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

इस बार 29 दिन का है श्रावण, दुर्लभ संयोग

कुंडली के अनुसार साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में बिना किसी कारण कलंक और बदनामी

जन्म कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में गुरू का प्रभाव

कुंडली में षोडश वर्ग को समझे फिर देखें फलादेश की सटीकता व सफलता

जन्म कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य शनि की युति हो तो दो शादी के योग

ज्योतिष में जन्मकुंडली के आठवें शनि से लोग क्यों डरते हैं?