इजराइल. हमास का मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ मारा गया. यह दावा आज इजराइली सेना ने किया. सेना ने बताया कि गाजा के खान यूनिस में 13 जुलाई को दाइफ को हवाई हमले में मार गिराया गया था. मोहम्मद दाइफ की मौत की खबर काफी समय से चर्चा में थीए लेकिन इजराइल ने पुष्टि अब की. हमास के 3 बड़े नेताओं ने इजराइल पर हमले में बड़ी भूमिका निभाई थी. उनमें एक दाइफ भी शामिल था. बाकी 2 नेता हमास का पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानियेह, गाजा का चीफ याह्या सिनवार थे.
खबरों के अनुसार इजराइल ने 7 बार दाइफ को मारने की कोशिश की थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई थी. उसके बार-बार बचने के कारण उस पर कहावत 9 जिंदगी पाने वाली बिल्ली सटीक बैठती थी. हमास के 3 बड़े नेताओं में से मोहम्मद दाइफ व इस्माइल हानियेह की मौत हो चुकी है. याह्या सिनवार ही सबसे बड़ा नेता बचा है. इससे पहले हानियेह 31 जुलाई को तेहरान में एक हमले में मारा गया. इसके बाद से ईरान और इजराइल के बीच जंग का खतरा मंडरा रहा है. गौरतलब है कि इजराइल की ओर से 13 जुलाई को अल-मवासी कैंप पर की गई एयरस्ट्राइक में दाइफ के मरने का दावा किया गया था. इस हमले में 90 लोगों की मौत हुई थी वहीं 300 से ज्यादा घायल हुए थे. हालांकि अगले ही दिन हमास ने दाइफ के मरने की खबर को गलत बताया. हमास ने अपने बयान में कहा था कि मोहम्मद दाइफ इजराइली हमले से बचने में कामयाब हो गया है. लेकिन इजराइली के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ने टीवी पर एक बयान देते हुए कहा था कि हमास दाइफ के बचने की खबर को लेकर झूठ बोल रहा है. इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने दाइफ की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह गाजा से आतंक को मिटाने के टारगेट में एक बड़ा कदम साबित हुआ है. इजराइली सेना ने 13 जुलाई को गाजा के ओसामा बिन लादेन श्दाइफश् को मार गिराया. अब हम हमास को मिटाने के बेहद करीब पहुंच गए हैं. गैलेंट ने अपने पोस्ट के साथ एक फोटो भी शेयर की जिसमें वे दाइफ की तस्वीर को काले मार्कर से क्रॉस करते दिख रहे हैं. गैलेंट ने कहा आईडीएफ व शिन बेत की टीम के जॉइंट ऑपरेशन से यह साबित हुआ है कि हम अपने मकसद के करीब हैं. अब आतंकियों के पास 2 ही विकल्प बचे हैं या तो वे सरेंडर कर दें नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा.
रिफ्यूजी केम्प में पैदा हुआ था दाइफ-
दाइफ 2002 से हमास के मिलिट्री विंग का हेड था. मोहम्मद दाइफ 1965 में गाजा के खान यूनिस रिफ्यूजी कैंप में पैदा हुआ था. उस समय गाजा पर मिस्र का कब्जा था. 1950 में इजराइल में हथियार लेकर घुसपैठ करने वालों में उसका पिता भी शामिल था. बचपन से ही उसने अपने रिश्तेदारों को फिलिस्तीन की लड़ाई लड़ते हुए देखा था. दाइफ ने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. 20 साल की उम्र के बाद अब तक दाइफ की कोई तस्वीर सामने नहीं आई थी. हमास की स्थापना 80 के दशक के अंत में हुई. तब दाइफ की उम्र करीब 20 साल थी. ये वो समय था जब वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजराइल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा या विद्रोह की शुरुआत हुई थी. इस दौरान दाइफ को आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.
इजराइल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था दाइफ-
दाइफ सालों से इजराइल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में टॉप पर था. अमेरिका का विदेश विभाग उसे आतंकवादी घोषित कर चुका था. अमेरिका के मुताबिक 2014 में जब इजराइल और हमास के बीच जोरदार संघर्ष हुआ. उस दौरान दाइफ ने ही हमास की आक्रामक रणनीति बनाई थी. 2014 मेंए इजराइली सेना ने एक घर पर हमले कर दाइफ को जान से मारने की कोशिश की. इसमें भी वो नाकाम रही. हमले में दाइफ की पत्नी और सात महीने का बेटा और एक 3 साल की बेटी मारी गई.
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