MP: दमोह में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में अजय लाल को अरेस्ट करने पुलिस ने दी बंगले में दबिश, बेटी ने कहा माहौल खराब है अमेरिका जाएगे

MP: दमोह में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में अजय लाल को अरेस्ट करने पुलिस ने दी बंगले में दबिश, बेटी ने कहा माहौल खराब है अमेरिका जाएगे

प्रेषित समय :18:10:05 PM / Wed, Aug 7th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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पलपल संवाददाता, दमोह. एमपी के दमोह में सबसे बड़े निजी अस्पताल के मालिक डॉ. अजयलाल को ह्यूमन ट्रैफिकिंग व जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट के मामले में पुलिस अधिकारियों ने देर रात घर पर दबिश दी. हालांकि अजय लाल तो नहीं मिले है. वहीं डॉ. अजय लाल की बेटी ने कहा कि यहां का माहौल खराब है हम अब अमेरिका जाएगें.

पुलिस अधिकारियों ने बल के साथ आज तड़के चार बजे के लगभग लाल के परिजनों की मौजूदगी में पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन वे कहीं नहीं मिले. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, लैपटॉप और सीसीटीवी का डीवीआर भी जब्त किया है. अजयलाल का घर एक किले की तरह सुरक्षा के घेरे में है, चारों ओर पुलिस तैनात थी, इसके बाद भी लाल कहां गए पता नहीं चल सका. डॉक्टर अजय लाल के फरार होने के बाद उनकी पत्नी इंदू लाल, बेटे अभिजीत लाल व बेटी अभिनीता अपने अमेरिकी पति के साथ जबलपुर जाने के लिए दमोह वाले घर से निकले. पुलिस ने मारुताल टोल नाका के पास उनकी कार को रोक लिया. डॉक्टर लाल के बारे में पूछताछ की. इस दौरान परिजन और पुलिस के बीच काफी बहस हुई.

अजय लाल की बेटी अभिनीता ने पुलिस पर प्रताडि़त करने के आरोप लगाए. उन्होंने पुलिस से कहा कि आपने मेरे पिता को पहरेदारी में रखा था तो आप ही बताइए वे कहां हैं. हालांकि पुलिस के पास इसका कोई जवाब नहीं था. पुलिस ने परिवार को रातभर आधारशिला संस्थान के कैंपस में रोक कर रखा. सुबह नोटिस पर साइन करवाकर उन्हें जाने दिया.  बेटी अभिनीता ने कहा कि हम दमोह को अपना घर मानते हैं. हमारे पिता यहां लोगों की मदद करते हैं. अब उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. हम फॉरेनर हैं और यहां अपने परिवार से मिलने आते हैं. अब माहौल खराब हो गया हैए इसलिए वापस अपने देश जा रहे हैं.

गौरतलब है कि डॉ. अजय लाल का नर्सिंग कॉलेज भी है, वे मिशनरी से जुड़े कई बड़े पदों पर रह चुके है. उनकी संस्था का नाम पहले मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन था, जिसे अब  आधारशिला संस्थान कर दिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि लोगों की स्वास्थ्य सेवा के लिए विदेश से उन्हें काफी फंडिंग मिलती है. उनपर फंडिंग के जरिए धर्मांतरण के आरोप भी लगे हैं. उन्होने जो आधार शिला संस्था बनाई है उसके माध्यम से बाल भवन का संचालन किया जाता था.  

जिसमें अनाथ बच्चे रहते थे. करीब एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह पुलिस को पत्र जारी किया था. जिसमें 18 साल पहले बाल भवन से अडॉप्ट किए गए दो बच्चों को लेकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका जताई थी. इसके बाद बाल भवन को बंद कर दिया गया. हाल ही में उनके बेटे अभिजीत लाल और करीबी संजीव लैंबर्ट पर मिशन अस्पताल में काम करने वाले तीन कर्मचारियों ने जबरन धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने के आरोप लगाए थे. कोतवाली पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. डॉक्टर लाल के बेटे अभिजीत और बेटी अभिनीता ने फॉरेन में शादी की हैए दोनों के पास अमेरिका की नागरिकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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