रोज एक्सरसाइज करने के बाद भी अगर शरीर में कोई फर्क नजर नहीं आ रहा तो चतुरंग दंडासन योग करें। चतुरंग दंडासन संस्कृत के तीन शब्दों चतुर, अंग और दंड से मिलकर बना है. यह शास्त्रीय सूर्य नमस्कार श्रृंखला की एक आवश्यक स्थिति है और इसे करते हुए लगता है जैसे हम देसी दंड बैठक या पुशअप कर रहे हैं. चतुरंग दंडासन से शरीर में पोश्चर से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं. बाजुओं और कलाईयों को विशेष रूप से मजबूती मिलती है. कंधे बलशाली बनते हैं, जो एब्स को भी सुडौल और दर्शनीय बनाते हैं.
इसे करने से शरीर के आगे से पीछे तक की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं, जिस कारण यह पेट की मांसपेशियों और पीठ की कठोर और सीधी मुद्रा बनाये रखने में मदद करता है. जिन्हें अपनी मोटी और बेडौल बाजुओं से परेशानी हो, उन्हें यह आसन जरूर करना चाहिए.
योग एक्सपर्ट के अनुसार सबसे पहले अपने योगा मैट पर पेट के बल या अधोमुख श्वानासन मुद्रा में लेट जाएं. अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर कंधों के आगे रखें, जिसमें आपकी अंगुलियां सामने की ओर हों. दोनों पैरों की उंगुलियों को जमीन पर सीधे रखें जिससे उन पर शरीर का वजन उठाया जा सके. अब पैरों की उंगुलियों पर जोर डालते हुए धीरे-धीरे अपने दोनों घुटनों को ऊपर उठाने की कोशिश करें और सांस को अंदर लेते हुए शरीर के वजन को दोनों हाथों पर उठाएं. हाथ के ऊपरी हिस्से यानी अपर आर्म और हाथ के निचले हिस्से यानी फोर आर्म के बीच कोहनी पर 90 डिग्री का कोण बनाएं. इससे आपका शरीर फर्श के समानातंर आ जायेगा. इस पोज में आपका शरीर तो पूरी तरह से ऊपर रहेगा, दोनों हाथ और पैर की उंगलियां जमीन पर रहेंगी. इन्हीं पर शरीर का सारा भार टिका रहेगा. इस स्थिति में शुरूआत में 10 से 20 सेंकड तक रहें या सहजता से जितना रहा जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एक्सरसाइज के बाद नहीं घट रहा बेली फैट तो ये टिप्स करें फॉलो
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