नई दिल्ली. कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म के मामले पर सुप्रीम में आज सुनवाई हुई. इस मामले पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और पुलिस से कई सख्त सवाल पूछे. कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने क्राइन सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया. एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई.
कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है. कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा की चिंता भी जताई है. वहीं, सोशल मीडिया पर पीडि़ता की पहचान उजागर करने पर कोर्ट ने चिंता भी जाहिर की है. सीजेआई ने पूछा कि क्या यह सच है कि पीडि़त परिवार को बॉडी नहीं देखना दिया गया. इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि ऐसे आरोप सही हैं.
कोर्ट ने इस घटना पर राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई सख्त सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा कि पीडि़ता की पहचान उजागर कैसे हुई? जब 7 हजार लोग अस्पताल में घुसे तब पुलिस वहां क्या कर रही थी. हम सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं. हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं.
सीजेआई ने कहा- पीडि़ता का नाम, फ़ोटो, वीडियो सब कुछ मीडिया में पब्लिश हुए. हमें इससे आपत्ति है. इस पर कोर्ट के जजमेंट हैं, लेकिन फिर भी ये हुआ. सीबीआई गुरुवार तक कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे. मामले की सुनवाई अब गुरुवार को होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोलकाता रेप-हत्या मामला: केन्द्र ने कहा हड़ताल खत्म करें डाक्टर, सुरक्षा के लिए बनाएगे कमेटी
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