बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात ने पटना से दिल्ली तक सियासी माहौल गर्मा दिया है. अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. सियासी गलियारों की कानाफूसी तो ये है कि बिहार में किसी नए प्रयोग की पटकथा लिखी जा रही है. ऐसे में सभी की निगाहें पटना पर टिकी हैं.
दरअसल बिहार में सूचना आयुक्त की नियुक्ति होनी है. इस मामले में नेता विपक्ष की सहमति की जरूरत भी होती है. नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव जब बाहर निकले तो उन्होंने खुद ही सारी स्थिति पत्रकारों के सामने बयान की. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कुछ नियुक्तियां होनी हैं, इस पर चर्चा हुई है. राज्य सरकार इस बारे में विधिवत जानकारी देगी.
2022 में ऐसी ही मुलाकातों ने कर दिया खेला
बिहार की राजनीति को जानने वाले कहते हैं कि उलटफेर की कहानी लिखी जा रही है. बिहार के घटनाक्रम को देखकर ऐसा लगता नहीं कि दोनों नेताओं के बीच सियासत पर बात ना हुई है. दोनों नेताओं की मुलाकात 2022 के बीते वक्त को सामने रख देती है, जब ऐसी ही मुलाकातों के बीच नीतीश कुमार पाला बदलकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे.
बता दें कि बिहार में आरजेडी ने आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए 1 सितंबर को धरना प्रदर्शन किया था. उसके बाद से आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात हुई है. मामला कोर्ट में है. हमने भी कहा है कि हम भी कोर्ट पहुंच गए हैं. आप अपनी बात कोर्ट में रखिए. हम भी अच्छे से अपनी बात कोर्ट में रखेंगे.
नीतीश के साथ चिराग पर भी निगाहें
नीतीश कुमार और तेजस्वी की मुलाकात के बीच सबकी निगाहें चिराग पासवान पर हैं. चिराग लगातार मोदी सरकार के खिलाफ मुखर हैं. लेटरल एंट्री, वक्फ बोर्ड, कोटे में कोटा पर चिराग ने खुलकर बीजेपी के खिलाफ स्टैंड लिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अगर बंगाल जला तो यूपी, बिहार, असम भी जलेंगे, प्रधानमंत्री मोदी की गिरेगी कुर्सी : ममता बनर्जी
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