MP: हाईकोर्ट की 4 महिला जजों को किया बहाल, दो की सीक्रेट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, प्रदेश सरकार ने किया था बर्खास्त

MP: हाईकोर्ट की 4 महिला जजों को किया बहाल

प्रेषित समय :15:35:23 PM / Wed, Sep 4th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, रिपोर्ट. एमपी में जून 2023 में बर्खास्त की गई 6 महिला जजों में से चार को कोर्ट ने बहाल कर दिया है. अन्य दो जजों के मामले को अलग से देखने के लिए बाद आदेश जारी किया जाएगा. एमपी हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रोबेशन पीरियड में बर्खास्त की गई 6 महिला सिविल जजों में से चार को बहाल कर दिया गया है.

एमपी के विधि व विधायी कार्य विभाग ने हाईकोर्ट की सिफारिश पर 23 मई 2023 को आदेश जारी कर 6 न्यायाधीशों की सेवाएंं समाप्त कर दी थीं. यह आदेश हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति व फुल कोर्ट मीटिंग के फैसले के आधार पर दिया गया था. बर्खास्त जजों के निर्णय संबंधी यह बैठकें मई 2023 में अलग-अलग तिथियों में हुई थीं. परिवीक्षा अवधि के दौरान महिला जजों का परफार्मेंस पुअर पाए जाने पर उनके विरुद्ध यह कार्यवाही करने की सिफारिश की गई थी. देश का गजट नोटिफिकेशन 9 जून 2023 को हुआ था. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया था. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार व हाई कोर्ट को नोटिस जारी इस मामले में जवाब मांगा था. जिस पर हाईकोर्ट रजिस्ट्री विभाग ने कोर्ट को बताया कि 4 महिला जज को बहाल कर दिया गया है. जबकि दो महिला जजों की बहाली को लेकर एमपी हाईकोर्ट का हलफनामा सीलबंद लिफाफे के साथ रिकॉर्ड पर रखा गया है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने जवाब प्रस्तुत किया. उन्होंने जस्टिस बीवी नागरत्ना व जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ को बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की फुल बेंच ने 6 अधिकारियों की सेवा समाप्ति पर पुनर्विचार किया. उनमें  4 को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की है. शेष दो न्यायिक अधिकारियों को बहाल न करने की टिप्पणियों के संबंध में हाईकोर्ट का हलफनामा सीलबंद लिफाफे के साथ रिकॉर्ड पर रखा गया है. खंडपीठ ने कहा कि उसे अभी इसका अध्ययन करना है. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जहां तक 6 महिला न्यायिक अधिकारियों में से 4 का सवाल है स्वत: संज्ञान व रिट याचिका बंद कर दी जाएगी. वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत तीन न्यायिक अधिकारियों रचना अतुलकर, ज्योति व प्रिया की ओर से पेश हुए. एडवोकेट तन्वी दुबे अन्य न्यायिक अधिकारियों की ओर से पेश हुए.

इस समय सीमा का नहीं मिलेगा वेतन-

जस्टिस नागरत्ना ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि सिविल जजों ने बर्खास्तगी के दौरान काम नहीं किया था, इसलिए उन्हें वेतन नहीं दिया जा सकता. हमारा विवेक इसकी इजाजत नहीं देता. बेंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह चारों जजों की ड्यूटी पर वापसी के आदेश शीघ्र जारी करे. जस्टिस नागरत्ना व जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच में मध्यप्रदेश के छह सिविल जजों की बर्खास्तगी संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने सूचित किया कि चार जजों की बर्खास्तगी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है जबकि दो की बरकरार रखी गई है. इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने चार जजों को बर्खास्तगी अवधि का वेतन दिलाने की मांग की.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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