संपत्ति नहीं मिलने पर भी माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी!

संपत्ति नहीं मिलने पर भी माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी!

प्रेषित समय :22:18:30 PM / Wed, Sep 11th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण अधिकार के तहत अनेक बार बच्चों की ओर से बचने के रास्ते तलाशे जाते हैं, लेकिन इस संदर्भ में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का कहना है कि- संपत्ति नहीं मिलने पर भी बच्चों का कर्तव्य है कि वे अपने माता-पिता का भरण -पोषण करें.
खबर है कि.... माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण अधिकार के मामले में माता के लिए निर्धारित की गई धन राशि के आदेश को चुनौती देते हुए एक बेटे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसकी ओर से तर्क दिया गया था कि- मां ने अपनी संपत्ति तीनों बेटे के नाम पर कर दी है और संपत्ति में उसे कोई हिस्सा नहीं दिया गया है. 
खबरों की मानें तो.... इस मामले में जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने याचिका को निरस्त करते हुए अपने आदेश में कहा है कि- संपत्ति नहीं मिलने पर भी बच्चों का कर्तव्य है कि माता-पिता का भरण-पोषण करें.
उल्लेखनीय है कि.... नरसिंहपुर निवासी गोविंद की ओर से दायर की गई याचिका में बताया गया था कि- उसकी मां ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण अधिकार 2007 के तहत एसडीएम के समक्ष आवेदन दायर किया था, जिस पर एसडीएम ने चारों बेटों को तीन-तीन हजार रुपये देने के आदेश जारी किए थे, इस आदेश के खिलाफ उसने अपील दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए अपर कलेक्टर ने भरण-पोषण की राशि घटाकर दो-दो हजार रुपये कर दी थी.
इसे लेकर याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि- मां ने अपने आठ एकड़ जमीन में से उसे एक हिस्सा भी नहीं दिया था, लिहाजा उसे भरण-पोषण के दायित्व से मुक्त किया जाए, साथ ही उसने मालीहालत ठीक नहीं होने का भी जिक्र किया था.
लेकिन.... अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि माता-पिता को भरण-पोषण की जिम्मेदारी इस पर निर्भर नहीं है कि बच्चों को कितनी संपत्ति दी गई है, संतान का यह कर्तव्य है कि- वह अपने माता-पिता का भरण-पोषण करें.
अलबत्ता.... यदि याचिकाकर्ता भूमि के असामान्य वितरण से परेशान है तो वह सिविल मुकदमा दायर कर सकता है, लेकिन वह अपनी माता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-