पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश में सोयाबीन 4892 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर पर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. इसके बाद भी किसान 6 हजार रुपए समर्थन मूल्य की मांग पर अड़े हैं. अपनी मांग को लेकर किसान संगठनों ने प्रदेश व्यापी आंदोलन की रणनीति तय की है. भोपाल में भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा है कि जो राशि सरकार ने तय की है वो मूल्य आयोग ने पहले ही तय कर रखा है. हम चाहते हैं कि 6000 रुपए का रेट सोयाबीन के लिए मिलना चाहिए.
प्रदेश अध्यक्ष श्री आंजना का कहना है कि इसके लिए 16 सितंबर को बड़ा आंदोलन होगा, जिला स्तर पर प्रदर्शन, चक्काजाम करेंगे. कुछ भी हो सकता है. किसानों की 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की मांग को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है. आंजना ने कहा कि सोयाबीन का दाना-दाना सरकार को खरीदना चाहिए. अब उन्होंने शर्त रख दी कि 40 प्रतिशत ही खरीदी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि ग्रेडिंग क्वालिटी चेक कर किसी उपज को अलग-अलग कैटेगरी में बांटना व एफएक्यू (फेयर एवरेज क्वालिटी) नाम का बहाना है. मध्यप्रदेश का किसान सोयाबीन को स्पिलर करके लाता है तो इसमें मिट्टी का सवाल ही नहीं पैदा होता. एफएक्यू के नाम पर जो बेईमानी होती है. उस पर भी हमारा किसान संघ अंकुश लगाएगा हमारे संगठन के साथी इस पर अंकुश लगवाएंगे. आज भोपाल के एमएलए रेस्ट हाउस में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा एमपी के प्रभारी डॉक्टर सुनील ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा देश के 550 किसान संगठनों का एक मंच है. इसमें मध्यप्रदेश के 25 किसान संगठन जुड़े हुए हैं. आज की बैठक में कई निर्णय हुए. मुख्य तौर पर सोयाबीन, धान, मक्का, कपास, आलू के समर्थन मूल्य पर चर्चा की गई. इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने यह तय किया गया है कि 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह के जयंती के अवसर पर हम पूरे प्रदेश में सभी जिलों में किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे. 28 सितंबर के कार्यक्रम को कॉर्पोरेट विरोधी दिवस के तौर पर मनाएंगे. 30 सितंबर को भोपाल में समर्थन मूल्य को लेकर एक दिवसीय धरना देंगे. इससे पहले 20 से 27 तारीख के बीच में संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी व एमएसपी को सी-2 प्लस 50 प्रतिशत के हिसाब से तय कराने को लेकर जिलों में धरना देंगे. मध्यप्रदेश में सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी. केंद्र सरकार ने एमपी की डॉ मोहन यादव सरकार के 4892 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार ने ये प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट बैठक में पास होने के बाद केंद्र को भेजा था.