प्रदीप द्विवेदी
अरविंद केजरीवाल वह नेता हैं, जिन्होंने नरेंद्र मोदी की तरह ही कई करीबियों को छोड़ दिया, लेकिन कुर्सी नहीं छोड़ी?
लेकिन.... इस बार वे सियासी चक्रव्यूह में ऐसे उलझे हैं कि उन्हें कुर्सी छोड़ने का ऐलान करना पड़ गया है!
जिन हालातों में उन्होंने जेल में अपने पद को बचाए रखा और अब जिन शर्तों पर वे इस पद पर हैं, ऐसे में यह पद ही उनके लिए सियासी बंधन बन गया है, लिहाजा रविवार को अरविंद केजरीवाल ने ऐलान कर दिया कि.... मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दूंगा!
यदि जेल में रहते वे पद त्याग देते तो उन्हें इसका राजनीतिक लाभ नहीं मिलता, लेकिन अब शायद मिल जाए?
रविवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही यह ऐलान किया, सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया.... क्यों? कैसे?? कौन???
कभी नीतीश कुमार ने भी नैतिकता के चक्रव्यूह में फंस कर ऐसे ही बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने गलत सियासी फैसला ले लिया था?
खैर, जैसे-तैसे उन्होंने वह कुर्सी फिर से हासिल कर ली, लेकिन राजनीतिक इतिहास गवाह है.... कमजोर से कमजोर समर्थक को भी यदि कुर्सी सौंपी दी जाती है, तो वह सत्ता का नया केंद्र बनकर उभरता है.
इसलिए बड़ा सवाल यही है कि- अरविंद केजरीवाल.... नीतीश कुमार जैसी गलती करेंगे या लालू बनकर उभरेंगे?
अरविंद केजरीवाल वह नेता हैं, जिन्होंने नरेंद्र मोदी की तरह ही कई करीबियों को छोड़ दिया, लेकिन कुर्सी नहीं छोड़ी?
लेकिन.... इस बार वे सियासी चक्रव्यूह में ऐसे उलझे हैं कि उन्हें कुर्सी छोड़ने का ऐलान करना पड़ गया है!
जिन हालातों में उन्होंने जेल में अपने पद को बचाए रखा और अब जिन शर्तों पर वे इस पद पर हैं, ऐसे में यह पद ही उनके लिए सियासी बंधन बन गया है, लिहाजा रविवार को अरविंद केजरीवाल ने ऐलान कर दिया कि.... मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दूंगा!
यदि जेल में रहते वे पद त्याग देते तो उन्हें इसका राजनीतिक लाभ नहीं मिलता, लेकिन अब शायद मिल जाए?
रविवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही यह ऐलान किया, सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया.... क्यों? कैसे?? कौन???
कभी नीतीश कुमार ने भी नैतिकता के चक्रव्यूह में फंस कर ऐसे ही बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने गलत सियासी फैसला ले लिया था?
खैर, जैसे-तैसे उन्होंने वह कुर्सी फिर से हासिल कर ली, लेकिन राजनीतिक इतिहास गवाह है.... कमजोर से कमजोर समर्थक को भी यदि कुर्सी सौंपी दी जाती है, तो वह सत्ता का नया केंद्र बनकर उभरता है.
इसलिए बड़ा सवाल यही है कि- अरविंद केजरीवाल.... नीतीश कुमार जैसी गलती करेंगे या लालू बनकर उभरेंगे?
पल-पल इंडिया में कहा था- अरविंद केजरीवाल के लिए 2023 उत्तरार्ध से सियासी संकट गहराएगा!
https://palpalindia.com/2024/09/15/Pal-pal-India-Arvind-Kejriwal-had-said-for-2023-political-crisis-will-deepen-from-the-latter-half.html
https://palpalindia.com/2024/09/15/Pal-pal-India-Arvind-Kejriwal-had-said-for-2023-political-crisis-will-deepen-from-the-latter-half.html
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-