अनिल मिश्र/गया
बिहार के मोक्ष धाम के नाम से प्रसिद्ध गया धाम में
विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में छह दिन बीतने के बाद मेला परवान पर चढ़ गया है. विष्णुपद सहित अन्य वेदियों पर पिंडदानी ही पिंडदानी नजर आ रहे हैं. रविवार को घाटों के अलावा विष्णुपद मंदिर में प्रवेश के लिए भी लंबी कतार दोपहर तक रही. फल्गु में पानी तो घाटों पर पितृ आस्था का जनसैलाब दिखा. विष्णुपद से लेकर प्रेतशिला व बोधगया की वेदियों पर भीड़ बढ़ी हुई है.
करीब छह लाख से अधिक पिंडदानी विष्णुनगरी आ चुके हैं. सबसे ज्यादा एक दिन वाला गयाश्राद्ध करने वालों की भीड़ है. आश्विन कृष्ण पक्ष पष्ठी रविवार को त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध कर रहे पिंडदानियों ने विष्णुपद मंदिर परिसर में स्थित वेदियों पिंडदान कर पितरों के मोक्ष की कामना की. भरणी श्राद्ध के तहत विष्णुपद, रूद्रपद और ब्रह्मपद वेदी पर मुख्य रूप से खीर से बने पिंड ने कर्मकांड किया. अगले तीन दिन बुधवार तक मंदिर में ही स्थित वेदियों पर कर्मकांडियों की भीड़ रहेगी. पितृपक्ष के सातवें दिन यानी आज सोमवार को त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध के तहत विष्णुपद मंदिर परिसर में ही सोलह वेदियों में से पांच कार्तिकपद, दक्षिणाग्निपद, गार्हपत्याग्निपद, आह्वनीयाग्निपद व सूर्यपद वेदियों पर त्रिपाक्षिक पिंडदान लोग कर रहे हैं.
सोलह वेदी में अधिक भीड़
पिंडदान के साथ विष्णुचरण के दर्शन-पूजन किए छठे दिन रविवार की अहले सुबह ही विष्णुपद मंदिर पिंडदानियों की भीड़ से पट गया. दोपहर बाद तक भीड़ रही. सबसे ज्यादा भीड़ विधान वाली सोलह वेदी पर रही. सोलह वेदी परिसर में फिसलन के कारण तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कत हुई. भीड़ के कारण सफाई के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. विष्णुपद वेदी पर पिंडदान के साथ दर्शन-पूजन भी किए. रविवार से सोलह वेदी पर पिंडदान शुरू हुआ है. आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी मंगलवार तक विष्णुपद में त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वालों की भीड़ होगी. हालांकि सत्रह दिवसीय पिण्ड दान करने वाले 2अक्टूबर यानी अमावस्या के दिन पितृ तर्पण और गया पाल पंडा (तीर्थ ब्राह्मण ) सुफल लेकर ही विदा होंगे.