नई दिल्ली. बीजेपी सांसद बनी अभिनेत्री कंगना रनौत अपने बयानों की वजह से लगातार मुश्किल में घिरती जा रही हैं. ऐसे ही एक विवादित बयान में जबलपुर कोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा है. कोर्ट ने मामले में कंगना रनौत को नोटिस जारी कर दिया है. अब मामले में अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.
शिकायतकर्ता अधिवक्ता अमित साहू का कहना है कि कंगना के बयान से न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान हुआ है बल्कि हर भारतीय को ठेस भी पहुंची है. उन्होंने आगे कहा कि उनका यह बयान देश के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाले अमर सेनानियों का अपमान है.
उन्होंने आगे कहा, उनका यह बयान निंदनीय है और हमें इससे काफी बुरा लगा. भारत देश की आजादी के लिए लाखों करोड़ों लोगों ने आहुति दी है, तब जाकर हमें अंग्रेजों के खिलाफ आजादी मिली है. इसको लेकर हमने शिकायतें की और कोर्ट के सामने बात रखी. माननीय न्यायालय ने इस पर सुनवाई की है और अभिनेत्री कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर है.
कंगना रनौत ने क्या कुछ कहा था?
बता दें कि कंगना ने साल 2021 में कहा था कि 1947 में भारत को मिली आजादी, आजादी नहीं भीख थी. असली आजादी तो 2014 में मिली है. उनके इस बयान पर जमकर बवाल मचा था, जहां सभी वर्ग के लोगों के रिएक्शन सामने आए थे. कई राज्यों में उनके बयान के खिलाफ केस भी दर्ज करवाए गए थे.
शंकराचार्य पर सवाल उठा चुकी है कंगना
अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली कंगना ने इस साल जुलाई में शंकराचार्य पर भी सवाल खड़े किए थे. तब उन्होंने महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों की टूट और एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने पर लिखा था कि राजनीतिज्ञ राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा. उन्होंने इसी मुद्दे से जुड़े एक पोस्ट में कहा था कि शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री जी को अपमानजनक शब्दावली से गद्दार, विश्वासघाती जैसे आरोप लगाते हुए हम सबकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिन्दू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-